झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले की सोरेन सरकार को एक बड़ा झटका लगने वाला है। सोरेन सरकार के खिलाफ प्रदेश के गृह रक्षक यानी होमगार्ड जवानों ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि इस बार का हमारा वोट NOTA में जायेगा लेकिन चंपाई सरकार को नहीं। उनकी इस नाराज़गी से सोरेन सरकार सकते में पड़ गई है। सरकार अब इनकी मांगों पर गौर करने पर विचार कर रही है।
दरअसल, राज्य के गृह रक्षक यानी होमगार्ड जवानों के बीच समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग की जा रहीhरही है। इस मामले को लेकर झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी घोषणा कर दी है। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका भी दाखिल कर दी गई है। झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव राधेश्याम प्रसाद के आदेश पर जिला समादेष्टा केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान धुर्वा हरिकर सिंह मुंडा ने इस मामले पर याचिका दाखिल की है। जिसमें समान कार्य के लिए समान वेतन देने संबंधी आदेश पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया गया है।
वहीं, धनबाद निवासी और झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त आदेश को झारखंड में जल्द लागू कराने के लिए संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन से मुलाकात की थी। लेकिन अब राज्य के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करने की जगह उसकी समीक्षा के लिए कोर्ट में याचिका दायर करने जा रहे हैं। यह राज्य के होमगार्ड जवानों के साथ विश्वविसघात है। ऐसे में जल्द अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वो लोकसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगे और NOTA पर बटन दबाएंगे।