Team Insider: 74 वर्षीय न्यूजीलैंड की लेखिका केरी हुल्मे (new zealand writer Keri Hulme) अब इस दुनिया में नहीं रहीं। केरी हुल्मे मैन बुकर प्राइज से सम्मानित लेखिका (Man Booker Prize Keri Hulme) थीं। हुल्मे इतनी प्रसिद्धी के बावजूद शोहरत से दूर रहती थीं। न्यूजीलैंड की लेखिका केरी हुल्मे का निधन (Keri Hulme passed away) 74 वर्ष कि आयु हो गया है। न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप पर वाइमेट में सोमवार सुबह लेखिका ने अंतिम सांस ली। इसकी जानकारी हुल्मे के परिवार के सदस्यों ने दी। लेखिका के मौत के कारणों का पता नहीं चला है।
समस्याओं से लड़ कर बनायी पहचान
हुल्मे अनेक समस्याओं का सामना करते हुए एक सफल लेखिका बनने का सफर तय किया। वह तंबाकू बीनने का काम करने से लेकर विधि स्कूल में पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने जैसी समस्याओं का सामना किया। हुल्मे के 1984 में आए उपन्यास ‘द बोन पीपल’ को ‘मैन बुकर प्राइज़’ से सम्मानित किया गया था। इसे लगभग 20 साल में लिखा गया था।
शोहरत की नहीं थी इच्छा
हुल्मे के भतीजे मैथ्यू सैल्मन्स ने ‘स्टफ’ से कहा, ‘उनके साहित्यिक दिग्गज बनने के संबंध में कई कहानियां बताई गईं, लेकिन उन्होंने वास्तव में इस बारे में कभी कोई चर्चा नहीं की।’ ‘स्टफ’ न्यूजीलैंड की समाचार वेबसाइट है। मैथ्यू ने कहा, ‘उन्हें शोहरत की इच्छा कभी भी नहीं थी। वह हमेशा एक कहानीकार रहीं।’