बिहार के बेगूसराय के रहने वाले फिल्म निर्देशक अभिनव ठाकुर की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है। जल्द ही उनकी नई फिल्म ‘बिसाही’ आ रही है। ये फिल्म डायन प्रथा पर उन्होंने बनाई है। इस साल के अंत तक यह फिल्म आ जाएगी। अभिनव लौंडा नाच पर केन्द्रित फिल्म ‘लिपिस्टिक ब्वॉय’ से चर्चा में आए थे। बड़ी बात यह कि अमिताभ बच्चन ने इसमें अपनी आवाज दी थी।
बता दें कि अभिनव बैंक की नौकरी करते थे। इस दौरान वे दोस्तों से पैसे लेकर फिल्म निर्माण का साहसिक कदम उठाए और फिर कई चुनौतियों का सामना किया। अभिनव 8वीं कक्षा में बेगुसराय छोड़कर मुंबई आए। यहीं पर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। जब अभिनव 19 साल के थे तब मां का निधन हो गया। पिता का प्यार नहीं मिला तो नाना-नानी और मामा उन्हें अपने साथ मुंबई ले गए। अकेलेपन में अभिनव ने समय बिताया।
एमबीए में एडमिशन लिया पर एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ दी और फिल्म का कोर्स किया। वो अनुराग कश्यप और इम्तियाज अली से काफी प्रभावित रहे। नरेन्द्र पटेल के प्रोडक्सन हाउस पीसविंग प्रोडक्शन प्रा.लि. से जुड़े और फिल्में बनाने लगे। उन्होंने पहली फीचर फिल्म ‘ये सुहागरात इम्पॉसिबल’ बनाई, जिसे लोगों ने खूब सराहा।
अभिनव ने ‘बिसाही’ फिल्म के बारे में बताते हुए कहा कि 3 सालों तक इस फिल्म के लिए रिसर्च वर्क किया गया। डायन प्रथा की शुरुआत महाराष्ट्र के लातूर से हुई थी, पर वहां के राजा ने इसे खत्म कर दिया। यह प्रथा असम, नागालैंड, झारखंड-बिहार तक पहुंची। यह आदिवासियों के यहां ज्यादा है। गुजरात में कोठी गांव में डायन प्रथा काफी है। बिसाही की शूटिंग गुजरात, मुंबई और राजस्थान में की गई है। यह 1 घंटे 45 मिनट की फीचर फिल्म है।