हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में Congress शून्य पर आउट हो गई। इन पांच राज्यों में शामिल Punjab में कांग्रेस की सत्ता थी लेकिन अब वहां से भी जनता ने बोरिया बिस्तर समेट दिया गया। उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस अब न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। Goa में विपक्षी दल के स्टेटस से उपर नहीं पहुंची। लेकिन इन तमाम विफलताओं के बावजूद कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार के पास ही रहा है। अब पांच राज्यों में हार पर खबरें चल रही हैं कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इस्तीफा दे देंगी। कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो Sonia Gandhi के साथ Rahul Gandhi और Priyanka Gandhi के इस्तीफा देने की खबरें भी चलने लगी हैं। इन तीनों के इस्तीफा के बाद कांग्रेस किन चेहरों के भरोसे आगे बढ़ेगी, ये बड़ा सवाल होगा।
आगे के चुनाव वाले राज्यों से ढूंढेगा चेहरा
जिन पांच राज्यों में चुनाव कांग्रेस हारी है, उसमें पंजाब की हार सबसे बड़ा झटका है। चूंकि वहां सत्ता में बैठी कांग्रेस आंतरिक कलह के कारण हारी है। इसलिए अब कांग्रेस उन राज्यों से नेतृत्व ढूंढने का प्रयास करेगी, जहां आने वाले सालों में चुनाव होने है। कांग्रेस के पास राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए अभी कम से कम दो साल का वक्त है। लेकिन इससे पहले कई ऐसे राज्य हैं, जहां चुनाव होने हैं। इन्हीं राज्यों के बड़े नेताओं को पार्टी राष्ट्रीय चेहरा बनकर उभार सकती है जिससे उन राज्यों में कार्यकर्ताओं के बीच जोश जागे।
कमलनाथ का नाम आगे
वर्ष 2022 में दो राज्यों में चुनाव होना है। इसमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश का नाम शामिल है। हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है और गुजरात बड़ा। कांग्रेस गुजरात में अपने पिछले चुनाव के प्रदर्शन को बेहतर करना चाहेगी जिससे वहां 27 सालों से सत्ता में बैठी भाजपा को कड़ी चोट दे सके। ऐसे में गुजरात में कांग्रेस के पास हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी जैसे नेता हैं, जिन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में इन्हें राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर प्रमोट किया जा सकता है। लेकिन अंतरिम अध्यक्ष या पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ का नाम सबसे आगे चर्चा में है।
अनुभव को तरजीह, युवाओं पर भरोसा
मध्यप्रदेश में अगले साल यानि 2023 में चुनाव होना है। ऐसे में कमलनाथ जैसे अनुभवी नेता के चेहरे पर कांग्रेस चली तो मध्यप्रदेश के चुनाव में भी कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ेगा। चूंकि मध्यप्रदेश में सत्ता भी आपसी खींचतान में गई। लेकिन कांग्रेस में कमलनाथ का विरोध करने वाले ज्योतिरादित्य अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं तो उन्हें राष्ट्रीय चेहरा बनाए जाने का मनोवैज्ञानिक लाभ पार्टी उठा सकती है। हालांकि अभी कांग्रेस सोनिया, राहुल और प्रियंका के इस्तीफे को लेकर हामी नहीं भरी है।