केंद्र की मोदी सरकार एक और विस्तार की ओर बढ़ रही है। 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होना है और उससे पहले मोदी कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा है। यह मोदी सरकार का आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार होगा। इसके बाद 2024 के चुनाव के बाद ही कोई फेरबदल होने की उम्मीद है। इसलिए इस मंत्रिमंडल में न सिर्फ मोदी सरकार अपना बैलेंस बनाने की कोशिश करेगी, बल्कि 2024 के चुनाव को भी साधने का प्रयास इसी मंत्रिमंडल विस्तार में होगा। पिछले मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से अब तक के बीच में भाजपा ने महाराष्ट्र में सत्ता पाई है तो बिहार में सत्ता गंवाई भी है। यूपी में दुबारा चुनाव जीता है तो कर्नाटक को खो दिया है। नए विस्तार में हर चेहरा चुन कर रखा जाएगा, जो 2024 के चुनाव में फायदा देगा।
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बिहार से बढ़ेगी दावेदारी!
कहा जा रहा है कई नए चेहरों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। महाराष्ट्र में हुए सियासी उलटफेर के बीच एनसीपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को मंत्री पद के संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। जबकि महाराष्ट्र से ही शिंदे गुट के शिवसेना से भी कोई केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकता है। जबकि बिहार से दावेदारी बढ़नी तय है क्योंकि बिहार ही है जो भाजपा से सध नहीं रहा है। भाजपा यहां बार बार पटखनी खा रही है।
- मंत्रिमंडल विस्तार में जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा है वो है प्रफुल्ल पटेल। एनसीपी को तोड़ देने का ईनाम अजित पवार को तो डिप्टी सीएम बनाकर भाजपा ने दे दिया। लेकिन इस तोड़ फोड़ में बड़ी भूमिका निभाने वाले प्रफुल्ल पटेल को भी ईनाम मिलना तय माना जा रहा है। चर्चा है कि प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। वे पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
- मोदी सरकार में एक बार फिर हरसिमरत कौर की इंट्री हो सकती है। चर्चा है कि किसान बिल पर मोदी सरकार के वापस हटने के बाद शिरोमणि अकाली दल एक बार फिर एनडीए के करीब हो सकता है। मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ बने विपक्षी दलों के गठबंधन से किनारा कर शिरोमणि अकाली दल पहले से ही एनडीए के करीब आने का संकेत दे चुका है। हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी भी बाकि ही है।
- एनडीए मंत्रिमंडल में तीसरा नाम जो शामिल हो सकता है वो है उपेंद्र कुशवाहा का। हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से नाता तोड़कर नया दल गठित किया है। उनके बयान और हाव भाव भाजपा से उनकी नजदीकी को खुलेआम बयां करते हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में मजबूत साथी तलाश कर रही भाजपा को उपेंद्र कुशवाहा पर इसलिए भी भरोसा हो सकता है क्योंकि मोदी सरकार के पहले टर्म में उपेंद्र कुशवाहा मंत्री रह चुके हैं।
- जिस नाम के मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा सबसे अधिक है, वो नाम भी बिहार से ही है। बिहार की जमुई सीट से लोकसभा सांसद चिराग पासवान का केंद्रीय मंत्रिमंडल में आना अब तय माना जा रहा है। भले ही उनकी पार्टी टूट गई हो और भाजपा ने उनसे अलग हुए पशुपति पारस को ज्यादा तरजीह दी। लेकिन चिराग के रिश्ते भाजपा से कभी खराब नहीं हुए। चिराग के निशाने पर सिर्फ बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही रहे, जो पिछले साल से भाजपा की दुखती रग बन चुके हैं। ऐसे में नीतीश कुमार को एक बार फिर झटका देने के लिए चिराग पासवान का कद भाजपा बड़ा कर सकती है। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
- मोदी मंत्रिमंडल में जो पांचवा नाम शामिल हो सकता है, वो यूपी से है। चर्चा है कि यूपी में सपा और अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव में तो राजभर भाजपा के खिलाफ रहे लेकिन पिछले कई महीनों से वे लगातार भाजपा के करीब आ रहे हैं। 2024 में भाजपा के लिए यूपी में कोई कसर न रह जाए, इस कोशिश में राजभर को भी मंत्रिमंडल का पुरस्कार मिल सकता है।