केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं। यह सीतारमण द्वारा पेश किया जा रहा 5वां बजट है। निर्मला सीतारमण ने बतौर वित्त मंत्री बजट पेश करने की शुरुआत 2019 से की। तब से लेकर अब तक सीतारमण हर बार कुछ नया करती रहीं हैं। इस बार बजट की पूरी जानकारी आप अपने मोबाइल फोन पर ले सकते हैं। इसके लिए सिर्फ एक App डाउनलोड करना होगा। इस App पर बजट से जुड़ी जानकारी हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में मिलेगी। संसद में बजट पेश होने के तुरंत बाद ही App पर बजट दिखने लगेगा।
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सीतारमण के 4 बजट
2019 : ब्रीफकेस बजट को बाय बाय
निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट 2019 में पेश किया। पहले ही बजट में उन्होंने ऐसी परंपरा को तोड़ दिया जो पहले के वित्त मंत्रियों की खासियत होती थी। हर साल बजट से पहले हर वित्त मंत्री की एक तस्वीर मीडिया के पास जरुर होती थी, जिसमें वे संसद में प्रवेश करने के दौरान ब्रीफकेश दिखाते थे। लेकिन सीतारमण ने उसे बदल दिया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता ने ब्रीफकेस को बाय बाय करवा दिया। इसके बाद सीतारमण ने 2 घंटे 17 मिनट का भाषण दिया जो सबसे बड़े भाषण का रिकॉर्ड है। इससे पहले सबसे लंबी स्पीच जसवंत सिंह ने 2003 में दी थी। तब उन्होंने 2 घंटे 15 मिनट की स्पीच दी थी।
2020 : अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट में 2 घंटे 17 मिनट का लंबा भाषण दिया था। 2020 में दूसरा बजट पेश करते हुए उन्होंने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। यह भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। इस दौरान उनकी तबीयत भी बिगड़ गई, जिससे वे आखिरी दो पन्ने नहीं पढ़ सकीं।
2021 : ब्रीफकेस के बाद बहीखाता को भी बाय बाय
सालों पुरानी ब्रीफकेस में बजट भाषण लाने की परंपरा को तो निर्मला सीतारमण ने 2019 में ही समाप्त कर दिया। लेकिन तब शुरू किए बहीखाता सिस्टम को भी उन्होंने 2021 में समाप्त कर दिया। उन्होंने ऐसा पहला केंद्रीय बजट पेश किया जो पेपरलेस था। सीतारमण लाल रंग का टैबलेट लेकर बजट लेकर पहुंचीं। हालांकि हिमाचल प्रदेश में 2015, ओडिशा व हरियाणा में 2020 में ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था।
2022 : सबसे छोटा बजट भाषण
अपने शुरुआती दिनों में सबसे लंबे बजट भाषणों का रिकॉर्ड बनाने वाली निर्मला सीतारमण ने 2022 में अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। वह भाषण 1 घंटे 30 मिनट का था। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई है। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा।