देश में कोरोना संक्रमण (corona infection) के बाद फिर एक गंभीर बीमारी फैल रही है। कोरोना (corona) की तरह ही इस बीमारी का फैलना केरल (Kerala) से शुरू हुआ है। गले से जुड़ी इस बीमारी को कंठमाला या गलसुआ (mumps) भी कहते हैं। इसके कारण लोगों के दिमाग में सूजन आ गई है। उनकी सुनने की क्षमता खत्म हो रही है। पुरुषों के अंडकोषों में जलन आदि लक्षण सामने आ रहे हैं। केरल में एक दिन में 190 से ज्यादा केस सामने आए। 10 मार्च को यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ था।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया
केरल स्वास्थ्य विभाग (Kerala Health Department) के अनुसार इस महीने वायरल संक्रमण के 2505 मामले सामने आए हैं। साल 2024 के पहले 2 महीने में इस बीमारी के 11467 मरीज सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल में बीमारी फैलने की पुष्टि की है। मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को अलर्ट किया गया है।
छोटे बच्चे ज्यादा प्रभाावित
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार यह बीमारी पैरामिक्सो वायरस से फैलती है। यह संक्रमित व्यक्ति के सांस लेने या खांसने से हवा में फैलता है। यह संक्रामक रोग है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से भी फैल रहा है। बीमारी के लक्षण सामने आने में 2-4 सप्ताह लगते हैं। शुरुआत में हल्का बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द जैसी समस्या होती है। बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण गल की ग्रंथियों की सूजन है। यह बीमारी आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन किशोर एवं वयस्क भी इस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं।
इंजेक्शन और दवा उपलब्ध
केरल के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीमारी के ज्यादातर मरीज मलप्पुरम जिले एवं उत्तरी केरल के अन्य हिस्सों से मिल रहे हैं। वैसे, खसरा और रूबेला के साथ गलसुआ की बीमारी को ठीक करने के लिए भी इंजेक्शन और दवाई देश में है। मगर, यह सरकार के टीकाकरण अभियान का हिस्सा नहीं है।