कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों का गुस्सा सांत होता दिखा रहा है। एक महीने से न्याय की गुहार लगा रही महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया वापस नौकरी पर लौट गए हैं। पहनवानों के आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे तीनों रेलवे में नौकरी करते हैं। रेलवे पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर जनरल योगेश बवेजा ने इसकी पुष्टि की है कि तीनों ने आज ड्यूटी जॉइन कर ली है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि महिला सम्मान और देश की शान बेटियों को न्याय मिल गया?
हमारी लड़ाई जारी रहेगी
हालांकि, साक्षी मलिक ने पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने की खबर से इनकार कर दिया है। साक्षी मलिक ने लिखा है कि सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। दरअसल, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खोल रखा था। ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
रविवार को गृहमंत्री से हुई थी मुलाकात
प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद साक्षी मलिक ने यह फैसला लिया है। बता दें कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मर्चा खोल रखा था। ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।