पटना के बापू सभागार में आज लोजपा ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती का आयोजन किया गया। वहीं सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि पद्मभूषण रामविलास पासवान बाबा भीमराव के सिद्धांतों पर ही चलते आए है। बाबा साहब के जयंती के दिन छुट्टी का प्रावधान भी हमारे नेता ने ही शुरू किया था। साथ ही उन्होंने कहा कि हम भी हमेशा भीमराव अंबेडकर और अपने पिता रामविलास पासवान के पद चिन्हों पर चलेगें और उनके तरह कार्य करेंगे।
सीएम और चाचा पारस पर भड़के
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार और अपने चाचा पशुपति पारस पर खूब भड़कते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएम और और उनके चाचा ने मंत्री पद के लिए सभी सीमाएं पार कर दी है। वह जनता के भलाई के लिए कोई काम नहीं कर रहें। शिक्षा, बेरोजगारी, गरीबी और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर सीएम कभी बात क्यों नहीं करते। उन्हें जनता की सेवा करने के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें वहीं करनी चाहिए।
पिता को मिले उनका सही सम्मान
वहीं चिराग पासवान ने केंद्रीय सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके स्वर्गीय पिता रामविलास पासवान को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पिता के नाम पर हाजीपुर रेलवे स्टेशन का नाम रखा जाए और बिहार विधान मंडल में स्वर्गीय रामविलास पासवान की मूर्ति लगाई जाए। वहीं पशुपति पारस ने भी अपने स्वर्गीय भाई के लिए अनेक मांगों को केन्द्र सरकार के सामने रखा है।
समर्थकों ने सीएम के लिए चिराग का लिया नाम
हालांकि अब ऐसे में चिराग पासवान की सभा में हजारों का हुजूम देख ऐसा लग रहा है कि चाचा और भतीजे राजनीतिक लड़ाई में चिराग पासवान 2024 में आगे हो सकते है। हालांकि ऐसा लगने लगा है की बिहार की सत्ता पर उनकी पकड़ मजबूत हो रही है क्योंकि ऐसी अटकले लगाई जा रही है कि 2024 में मुख्यमंत्री पद को लेकर चिराग पासवान का नाम लगातार नारों में गूंज रहा है। हालांकि सत्ता और राजनीति के खेल में कभी भी कुछ भी हो सकता है।