लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में अपनी सभी सीटें जीतने वाले चिराग पासवान को मनचाही मुराद अब तक मिलती आई है। पहले उन्हें मनपसंद की सीटें लोकसभा चुनाव में मिली। बाद में जब केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो, बिहार से बने 8 मंत्रियों की लिस्ट में चिराग पासवान टॉप 4 में शामिल रहे। लेकिन अभी चिराग पासवान के तेवर बदले हुए हैं। कई मुद्दों पर वे उस हद तक आगे बढ़ जाते हैं, जिसमें वे भाजपा के खिलाफ जाते दिखते हैं। अब चिराग पासवान ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि वे मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं। कभी मोदी का हनुमान कहे जाने वाले चिराग के इस तेवर के पीछे का राज चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, चिराग पासवान की स्थिति यह है कि अभी वे हाल ही उनका सबकुछ छिन गया था। पार्टी, सांसद, घर, ऑफिस सबकुछ चिराग पासवान का छिन गया। लेकिन चिराग पासवान अड़े रहे और एनडीए के बाहर रहकर भी भाजपा के करीब होने का सबूत देते रहे। नागालैंड में विधानसभा चुनाव लड़े तो सिर्फ उन्हीं सीटों पर, जहां भाजपा नहीं लड़ी। बिहार में चुनाव लड़े तो उन्हीं सीटों पर जहां भाजपा के उम्मीदवार नहीं थे। लेकिन अब अचानक मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान का मंत्रिमंडल छोड़ देने का बयान, सुर्खियों में है। दरअसल, चिराग पासवान का कहना है कि अगर गठबंधन में उनकी बातें नहीं सुनी गई तो वे मंत्री नहीं बने रहेंगे। जबकि राजनीतिक जानकार चिराग पासवान की इस बयानबाजी के पीछे का कारण कुछ और भी मानते हैं।
चिराग पासवान के इन तेवरों का कनेक्शन झारखंड विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है। दरअसल, चिराग पासवान झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन झारखंड में एनडीए के मौजूदा स्वरूप में चिराग पासवान को अभी तक जगह नहीं मिली है। झारखंड में भाजपा ने एनडीए में आजसू के साथ जदयू को रखा है। तीनों के बीच सीटों का बंटवारा तो नहीं हुआ है लेकिन यह आधिकारिक घोषणा हो चुकी है कि एनडीए में ये तीनों दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। जबकि चिराग पासवान की ख्वाहिश है कि उनकी पार्टी झारखंड में स्कोर बनाए। झारखंड में चिराग को अगर एनडीए में जगह नहीं मिलती है तो उन्हें अकेले लड़ना पड़ेगा।
दरअसल, चिराग पासवान झारखंड में अपनी पार्टी का विस्तार इसलिए भी चाहते हैं क्योंकि झारखंड एक वक्त में बिहार का अंग रहा है। इसके अलावा जिस जमुई लोकसभा सीट से चिराग पासवान खुद दो बार सांसद रह चुके हैं और अभी उनके जीजा अरुण भारती वहां के सांसद हैं, उससे सटे झारखंड की विधानसभा सीटों पर चिराग पासवान अपने कैंडिडेट देने के इच्छुक हैं। वैसे अगर चिराग पासवान को एनडीए में जगह नहीं मिली, तो उनके लिए पूरे झारखंड का विकल्प खुल जाएगा। हालांकि चिराग के मंत्रिमंडल छोड़ने की बात क्या सिर्फ प्रेशर पॉलिटिक्स है या फिर वे इसको लेकर संजीदा हैं, यह आने वाला वक्त बताएगा।