कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभी अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान उनकी बयानबाजी जारी है। वे लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने सिख को लेकर एक बयान दिया था। इस बयान पर अब केंद्र सरकार के मंत्री लगातार पलटवार कर रहें हैं।
राहुल गांधी के एक बयान पर अब दरभंगा के सांसद डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है। जहां हर नागरिक को उनके धर्म उनकी उपासना और समानता का अधिकार है। राहुल गांधी जैसे राजनेता को विदेशी धरती पर दिया गया बयान उनकी अज्ञानता का परिचायक और संविधान विरोधी दर्शाता है। हकीकत यह है की कांग्रेस नेता को अभी भारतीय संविधान के बारे में पढ़ने की जरूरत है। अपने बयानों के लिए राहुल गांधी को डेढ़ सौ करोड़ देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी ने अमेरिकी के वर्जीनिया में सिखों के धार्मिक स्वतंत्रता पर एक बयान दिया था। राहुल गांधी ने एक भाषण में आरोप लगाया कि RSS कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। इसी पर गोपाल जी ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सांसद डॉ.ठाकुर ने राहुल गांधी को भारतीय संविधान और कानून को पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के भाग- 3 के अनुच्छेद 25 से 28 तक में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि हर नागरिक को उनकी उपासना अपने मौलिक अधिकार अंतःकरण की स्वतंत्रता सार्वजनिक व्यवस्था नैतिकता के साथ जीने का अधिकार है। इस प्रावधान के बावजूद कांग्रेस सांसद ने सिखों के पगड़ी, कड़ा और गुरुद्वारा आदि के ऊपर दिया बयान उनकी देश विरोधी भावना को प्रदर्शित करता है।