राजनीतिक में पार्टियों के बदलने का सिलसिला चलता रहता है चुनाव के वक्त इसकी रफ्तार थोड़ी तेज हो जाती है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में बीजेपी नेता ने कोर कमिटी का गठन किया है। जो विपक्षी पार्टी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं का स्क्रीनिंग करेगी, और स्क्रीनिंग के आधार पर तय होगा की वह नेता बीजेपी में शामिल होने लायक है या नहीं।इस समिति को बनाने की वजह है वफादार नेताओं की तलाश। बीजेपी जल्दबाजी में नेताओं को शामिल करने से परहेज करना चाहती है जिसकी वजह से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं का सियासी इतिहास को खंगाला जाएगा।
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6 जनवरी को होगी कमेटी की बैठक
बता दें कि बिहार में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पांच सदस्यीय समिति गठित की है। यह सक्रीनिंग कमिटी नेताओं के बारे में आकलन करेगी। यह समिति उन नेताओं के इतिहास और करियर का आकलन करेगी और बताएगी कि भाजपा को उन्हें लेना चाहिए या नहीं। पार्टी के लिए उनकी उपयोगिता व उपादेयता का भी आकलन होगा। जब कमेटी तय करेगी कि इसे लेना चाहिए जिसके बाद प्रदेश नेतृत्व उस आगंतुक नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाएगी। 6 जनवरी को इस समिति की पहली बैठक होगी।उस बैठक में भाजपा का दामन थामने के इच्छुक कुछ नेताओं के बारे में आकलन होना है। इनलोगों का जब आकलन कर लिया जाएगा।उसके बाद भाजपा में इन्हें जगह मिलेगी। यदि इस दौरान किसी भी शख्स पर इस कमिटी के मेंबर को शक होता है तो फिर पार्टी उन्हें अपने साथ लाने से साफ़ इंकार करेगी।