आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार समेत पूरे देश की सियासत गर्म है। इसी बीच अब भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे केजे अल्फोंस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 8 मई को दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। उसी वक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर कहा कि वो बिहार सरकार के फैसले से आहत हैं और रिहाई के खिलाफ पार्टी बनना चाहते हैं। कोर्ट ने अल्फोंस को अगली तारीख पर मामले की सुनवाई में सहयोग करने की इजाजत दे दी।
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मोदी सरकार में पर्यटन मंत्री रहे केजे अल्फोंस
केजे अल्फोंस केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं। आईएएस अधिकारी अल्फोंस दिल्ली में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के कमिश्नर के तौर काफी चर्चित रहे। उन्होंने 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया था और अवैध निर्माण की वजह से 14 हजार से अधिक मकान को गिराने का आदेश दिया था। अल्फोंस पेशे से वकील भी हैं और केरल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ते हैं।
कानून में संसोधन के बाद हुई रिहाई
दरअसल, आनंद मोहन को गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 1994 में हत्या के केस में मर्डर के 13 साल बाद 2007 में ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, आनंद मोहन की अपील पर पटना हाईकोर्ट ने 2008 में फांसी को उम्रकैद में बदल दिया। उसके बाद पिछले दिनों बिहार सरकार ने कानून में संसोधन कर इन्हें जेल से रिहा कर दिया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं।