मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री के जुबान पर आखिरकर दिल की बात आ ही गई। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री हो जाए, लेकिन यह तय करना विपक्षी एकता के नेताओं का काम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह ह्रुमन साइकोलॉजी है कि प्रत्येक दल चाहता है कि उनका नेता शीर्ष पद पर जाए। ऐसे में जदयू भी हमेशा यह बात कहते रही है कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यता है। लेकिन लगे हाथ उन्होंने यह भी कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने पहले ही कह दिया है कि वह प्रधानमंत्री के रेस में नहीं है, ना ही विपक्षी एकता के कन्वीनर बनने की भी चाहत में है।
विपक्ष को एकजुट करने में उन्हें सफलता मिली
अशोक चौधरी ने कहा कि जदयू तो चाहता है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन जाएं, लेकिन हमारे नेता ने पहले भी कई मौकों पर कहा है कि उन्हें पीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है। वे सिर्फ भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं और उसमें उन्हें सफलता मिली है। दरअसल, बीजेपी के कई नेताओं ने नीतीश कुमार को बेंगलुरु बैठक में निराश होने का दावा किया था। बीजेपी का दावा है कि नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाकर विपक्षी दलों ने उन्हें झटका दिया है। हालांकि नीतीश कुमार पहले ही भाजपा के इन दावों का खंडन कर चुके हैं। अब अशोक चौधरी ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि जदयू भले ही अपने नेता को प्रधानमंत्री देखना चाहती हो, लेकिन नीतीश तो शुरू से ही इन बातों का खंडन कर रहे हैं।