सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पुछताछ के लिए बुलाया है। इसको लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता की सकारात्मक पहल से केंद्र की भाजपा सरकार तिलमिलाई हुई है। यही कारण है कि विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
भारत का संविधान और लोकतंत्र खतरे में
ललन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार द्वारा विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के विरूद्ध अपने पालतू तोतों का दुरुपयोग बदस्तूर जारी है। अभी 11-12 अप्रैल को विपक्षी एकता के लिए सकारात्मक पहल होते ही तिलमिलाई भाजपाई सरकार के दिलों – दिमाग में बदले की भावना भड़क उठी और अरविंद केजरीवाल को सीबीआई का नोटिस मिल गया। ₹ 81,000 करोड़ का कॉरपोरेट घोटाला उन्हें दिखाई ही नहीं देता है। ललन सिंह ने कहा कि देश और देशवासियों को फासीवादी ताकतों से बचाना है। 2024 में भाजपा मुक्त भारत होगा।
अरविंद केजरीवाल से मिले थे नीतीश
दरअसल, इसी सप्ताह में दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की पहल के तहत अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। केजरीवाल ने नीतीश की पहल की सराहना की थी और अगले साल के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की जरूरत पर बल दिया था। नीतीश ने इस दौरान कांग्रेस और वामपंथी दलों के नेताओं से भी मुलाकात की थी। वहीं नीतीश के दिल्ली से लौटने के अगले दिन ही अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच एजेंसियों ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। ललन सिंह ने नीतीश कुमार की पहल पर हो रही विपक्षी एकता की कवायद से मोदी सरकार को तिलमिलाया हुआ बताया है।