नीतीश सरकार द्वारा शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी परीक्षा पास करने के नए नियम पर प्रशांत किशोर ने सवाल उठाए हैं। जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक सभा के दौरान पीके ने कहा कि बिहार के लोग इतना भी समझ नहीं पा रहे हैं कि सरकार जो बोल रही है वो सही बोल रही है या गलत। उन्होंने सरकार से कई सवाल भी किए हैं।
BPSC के पास इतने संसाधन ही नहीं
सरकार बोल रही है कि 4 लाख शिक्षकों की परीक्षा बीपीएससी से आयोजित कराई जाएगी, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को ये पता भी है कि पीएससी साल में मात्र साढ़े 12 हजार अभ्यर्थियों के ही परीक्षा आयोजित करवा सकती है। सरकार यदि बोल रही है कि बीपीएससी परीक्षा लेगी तो उस परीक्षा का परिणाम कैसे घोषित होगा और उसका पेपर कौन जांच करेगा? मौजूदा समय में बीपीएससी के पास इतने संसाधन ही नहीं हैं। इन सब को देखकर समझा जा सकता है कि सरकार शिक्षकों की नौकरी को लेकर कितनी सक्रिय है।