देश की राजनीति में हफ्ते भर से लगाए जा रहे कयासों पर शुक्रवार को नई दिल्ली में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में विराम लग गया। ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। वहीं, सर्वसम्मति से नीतीश कुमार नए अध्यक्ष चुने गए। जदयू कार्यकारिणी में ललन ने ही नीतीश के नाम का प्रस्ताव रखा था। उस पर कार्य परिषद ने बिना प्रतिरोध के मुहर लगाई और नीतीश ने तीसरी बार पार्टी की कमान संभाल ली। इस बीच जदयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी का बड़ा बयान आया है।
राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता: त्यागी
जदयू के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा, राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता। असहमति होती है। विचारों की भिन्नता होती है। हालांकि त्यागी ने भाजपा के साथ जदयू के जाने के कयासों को खारिज किया। जदयू अपनी शर्तों पर राजनीति करती है। राजग में रहते हुए भी हमने समान नागरिक संहिता का समर्थन नहीं किया। ऐसे ही राम मंदिर पर भी जब तक कोर्ट से फैसला नहीं आया, तब तक हमारी लाइन भाजपा से अलग थी।
जाति आधारित गणना पर नीतीश ने कांग्रेस को घेरा
इससे पहले जातीय गणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लिया। कार्यकारिणी और कार्यपरिषद की बैठक में कहा,कांग्रेस भी क्या कर रही है? घूम-घूम कर जाति गणना की बात कर रही है, लेकिन कभी भी बिहार में हुए काम की प्रशंसा नहीं की।
तय होने के बावजूद जातीय गणना को एजेंडे में नहीं किया शामिल
नीतीश ने कहा कि मुंबई की बैठक में तय हुआ था कि इसे एजेंडे में शामिल किया जाएगा। मगर, कुछ लोगों ने विरोध किया और यह टल गया। बता दें मुंबई की बैठक में ममता बनर्जी ने विरोध किया था। फिर कांग्रेस ने भी इसे प्रस्ताव में शामिल करने से टाला।




















