केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024′ पेश किया। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है। विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है।
वक़्फ़ क़ानून में संशोधन एक सोची समझी साज़िश- तेजस्वी
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि वक़्फ़ क़ानून में संशोधन एक सोची समझी साज़िश के साथ भाजपा ला रही थी तथा जदयू-लोजपा इस ध्रुवीकरण के औज़ार में सहभागी रही। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अनेक मुस्लिम तंज़िमों, दानिशवरों और हमारी पार्टी के मुस्लिम लीडरान से प्राप्त सुझाव एवं विचार विमर्श उपरांत हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी और मैंने लोकसभा और राज्य सभा के अपने सांसदों को इस संविधान विरोधी बिल का पुरज़ोर विरोध करने को कहा था। संविधान की धारा-29 हर धर्म को स्वायत्तता और स्वतंत्रता देती है और उसका सम्मान ख़ारिज करने की हर नीति और नीयत के ख़िलाफ़ हम लड़ते रहेंगे। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में हमारे दल के सदस्य बिंदुवार हर पहलू पर अपना पक्ष मज़बूती से रखेंगे।
जल्दीबाजी में लाया गया वक्फ बिल: मीसा भारती
वक्फ बिल पर राजद सांसद मीसा भारती ने कहा कि बिल ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश के हालात को लेकर हम सब चिंतित हैं। वहां अल्पसंख्यकों को लेकर चिंताएं हैं। सरकार बहुत जल्दबाजी में थी इस बिल को लाने में। महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला ये अच्छी बात है। जेडीयू कभी इधर है तो कभी उधर। मुसलमानों का वोट चाहिए लेकिन बात कुछ और करनी है।
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मैं इस बिल का विरोध करता हूं- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा, यह बिल जो इंट्रोड्यूस हो रहा है, यह बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। जब लोकतांत्रिक तरीके से चुने जाने की पहले से ही प्रक्रिया है, तो इसे नॉमिनेट किया जा रहा है। वहीं जो अन्य धार्मिक मसले हैं उनमें कोई गैर बिरादरी का नहीं आता है। वैसे ही वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का क्या औचित्य है। आज तो हमारे और आपके अधिकार कट कर रहे हैं। मैंने आप से कहा था कि आप लोकतंत्र के न्यायाधीश हैं और मैंने सुना है कि कुछ आपके भी अधिकार छीने जा रहे हैं। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।
आप दुश्मन हैं मुसलमानों के- ओवैसी
अगर कल कोई आकर बोलेगा कि मैं 5 साल से इस्लाम प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूं तो कौन डिसाइड करेगा और अगर कोई नया कंवर्ट है तो क्या उसे वक्फ को अपनी संपत्ति देनी है तो क्या वो 5 साल तक इंतजार करेगा। इस तरह का कोई प्रावधान हिंदू और सिख गुरुद्वारा के लिए नहीं है। मैं आपसे जानना चाहता हूं कि ये जो आप बिल ला रहे हैं इससे आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं, जोड़ने का नहीं। आप दुश्मन हैं मुसलमानों के और इसका सबूत यह बिल है।
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सरकार राष्ट्रधर्म निभाए- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार को संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति छोड़कर राष्ट्रधर्म निभाने की सलाह दी है। मोदी सरकार के वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के विरोध में गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में बसपा प्रमुख ने साफ लिखा है कि संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार आशंकाएं एवं आपत्तियां सामने आई हैं, उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैंडिंग) समिति को भेजना उचित होगा। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।
मायावती ने लिखा कि केंद्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलंदाजी और मंदिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत है। सवाल उठाया कि ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरुरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।