बिहार-झारखंड में 2.30 लाख मोबाइल नंबरों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। इनमें से ज्यादातार सिम कार्ड कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों पर लिए गए थे। इनमें करीब 2 लाख मोबाइल नंबर बिहार में, जबकि 30 हजार मोबाइल नंबर झारखंड में एक्टिव थे। सिम कार्ड खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों ने अपना नाम, पता और पहचान बदला था।
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नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग की कार्रवाई
यह कार्रवाई नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग के आधार पर की गई है। जिसके तहत फर्जीवाड़े को रोकने के लिए इस साल सिर्फ अप्रैल महीने में ही बिहार और झारखंड में 2.30 लाख से अधिक मोबाइल फोन नंबरों को बंद कर दिया गया। एक व्यक्ति के पास 18 सिम कार्ड मिले हैं, जो फर्जी पहचान पत्रों द्वारा लिये गये हैं। आश्चर्य की बता है कि उस व्यक्ति द्वारा दिये गये सभी पहचान पत्रों में फोटो तो एक ही है, मगर नाम अगल-अलग हैं। किसी फोटो में उसने दाढ़ी रखी है, तो किसी में बिना दाढ़ी के नजर आ रहा है। जांच के दौरान सबसे अधिक मामला गलत फोटो प्रस्तुत करने का आया है।
देशभर में 87 करोड़ तो बिहार-झारखंड के 7 करोड़ नंबरों की जांच
फर्जीवाड़ा कर खरीदे गए सिमकार्ड और उसके एक्टिव मोबाइल नंबरों की पहचान कर कार्रवाई करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन की तरफ से पूरे देश में एक बड़ा ऑपरेशन चलाया गया। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के अधिकारी के अनुसार अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों के देशभर में करीब 87 करोड़ तो बिहार-झारखंड में 7 करोड़ कस्टमर्स के डेटा को खंगाला गया था। इसमें 2.30 लाख गैर कानूनी तरीके से खरीदे गए सिमकार्ड वाले मोबाइल नंबर एक्टिव मिले। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई। फर्जीवाड़ा कर इनमें सबसे अधिक सिमकार्ड टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया के मिले। दूसरा नंबर एयरटेल, तीसरा जीओ और अंतिम में बीएसएनएल का मिला।