अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है और मंदिर स्थल पर चबूतरा का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। राम जन्मभूमि मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए दो दिवसीय बैठक की। उन्होंने राम मंदिर की सुरक्षा का भी निरीक्षण किया। जहां तक सुरक्षा का सवाल है, अधिकारियों ने नए तकनीक का अधिकतम उपयोग करने का निर्णय लिया है।
आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग
ट्रस्ट मंदिर परिसर की निगरानी के लिए आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग हो रहा है। राम मंदिर की सुरक्षा के साथ-साथ अयोध्या की सुरक्षा भी अहम मानी जाती है। इसलिए पूरे शहर की सुरक्षा के लिए बनाए गए कई नए वॉच टावरों पर भी जवानों को तैनात किया गया है, ताकि आने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके।
सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
साथ ही पूरी अयोध्या को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है और जल्द ही इसे सुरक्षा के लिए नया कंट्रोल रूम भी मिलेगा। हाल ही में भरतपुर के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्लिंथ निर्माण के लिए 17,000 ग्रेनाइट पत्थर आए हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए राजस्थान से प्रतिदिन 80-100 पत्थर अयोध्या पहुंच रहे हैं। प्रत्येक पत्थर का वजन लगभग 2.50 टन है।
रिटेनिंग वॉल के निर्माण कार्य में तेजी
निर्माण समिति ने मंदिर की ‘रिटेनिंग वॉल’ के निर्माण कार्य में तेजी लाने और मानसून से पहले काम पूरा करने का निर्णय लिया है। राम जन्मभूमि परिसर के पश्चिमी भाग से ‘रिटेनिंग वॉल’ का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण सतह से 12 मीटर नीचे किया जा रहा है और सतह से करीब 11 मीटर ऊपर होगा। इस दीवार का निर्माण राम जन्मभूमि के नीचे बहने वाली सरयू नदी की बहती धारा को रोकने के लिए किया जा रहा है। रिटेनिंग वॉल राम मंदिर को नदी के बदलते रुख से बचाएगी।
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