छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में एक मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में दर्ज किया गया है। पुलिस ने दो आईएएस अधिकारियों सहित छत्तीसगढ़ सरकार के तीन अफसरों और रायपुर के महापौर ऐजाज ढेबर के बड़े भाई के खिलाफ केस दर्ज किया है। ये केस धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। यह FIR छत्तीसगढ़ एक्साइज विभाग में कथित शराब घोटाले की ED द्वारा की जा रही जांच के आधार पर दर्ज की गई है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच चल रही है। अब इस मामले में झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। बाबूलाल मरांडी का कहना है कि छत्तीसगढ़ के तीन अफसरों और रायपुर मेयर के भाई के विरुद्ध ग्रेटर नोएडा में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि यहीं से फर्जी होलोग्राम बनाकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में अवैध शराब का कारोबार चल रहा था।
“फर्जी हॉलोग्राम से हुआ शराब घोटाला”
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में हुए इस FIR के मुताबिक़ झारखंड में भी फर्जी होलोग्राम से शराब घोटाला हुआ है। इसका मुख्य साजिशकर्ता भी झारखंड शराब नीति का सलाहकार रहा है, जिसका नाम छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की चार्जशीट में है। बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा है कि यह स्पष्ट है कि फर्जी होलोग्राम बनाकर हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था का सत्यानाश किया गया। “छत्तीसगढ़ मॉडल” अपनाकर झारखंड में भी राजस्व के अरबों रुपए कुछ अधिकारियों – सत्ताधारियों, दलालों – बिचौलियों के जेब में गया है। उम्मीद है कि ईडी जल्द ही झारखंड शराब घोटाले के गुनाहगारों को भी गिरफ्तार करेगी।
छत्तीसगढ़ मामले के पांच आरोपी
वहीं छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ग्रेटर नोएडा में दर्ज हुई एफआई में जिन्हें आरोपी बनाया गया है, उनमें आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी और आबकारी विभाग में विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, आईएएस अधिकारी और आबकारी विभाग में आयुक्त निरंजन दास, व्यवसायी विधु गुप्ता, रायपुर के महापौर एवं कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर शामिल हैं।
शिकायतकर्ता ने पुलिस प्राथमिकी में कहा कि ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत छत्तीसगढ़ में शराब ‘घोटाले’ से जुड़े एक मामले की जांच कर रही है और जांच में खुलासा हुआ है कि नोएडा स्थित कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से राज्य के आबकारी विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति करने का ठेका दिया गया था।
शिकायत के मुताबिक, ‘‘कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों के साथ मिलीभगत करके छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारी, अरुणपति त्रिपाठी, निरंजन दास और अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों में संशोधन किया और नोएडा स्थित मैसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध रूप से ठेका दिलाया। बदले में, अधिकारियों ने प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन लिया और छत्तीसगढ़ की सरकारी दुकानों से अवैध देशी शराब की बिक्री के अपराध को अंजाम देने के लिए बेहिसाब जाली होलोग्राम की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता भी ली।’’