हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने इनदिनों सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सोशल मीडिया के जरिए मांझी एक के बाद एक बड़े आरोप सीएम नीतीश कुमार पर लगा रहे है। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की बात को लेकर अड़े हुए हैं और जांच की मांग भी कर रहे हैं। वही अब आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मांझी ने नीतीश कुमार को अपने निशाने पर लिया है। जीतन राम मांझी का कहना है कि सीएम रहते हुए वो आनंद मोहन को रिहा करना चाहते थे लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें मना कर दिया था।
“नीतीश ने आनंद मोहन को बताया थ बदमाश”
बता दें कि हाल ही में सीएम नीतीश कुमार आनंद मोहन के पैतृक गाँव गए थे। जहाँ उन्होंने आनंद मोहन के दादा व स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामबहादुर सिंह और उनके बड़े बेटे स्वतंत्रता सेनानी स्व. पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का अनावरण किया। इसे लेकर भी जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर तंज कसा है। साथ ही मांझी ने ये भी कहा कि सीएम रहते हुए वो कानून में बदलाव करना चाहते थे जिससे आनंद मोहन रिहा हो सके। लेकिन नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को बदमाश बताते हुए कानून में बदलाव करने से मना किया।
मांझी ने एक्स पर लिखा “साहब आपके खेल निराले, पहले किसी को जेल भेजिए,फिर कानून संशोधन करा बाहर निकलवाईए,और “आनंद”मय महौल में प्रतिमा का अनावरण कर खीर”मोहन” खाईए। यही काम जब हम CM रहते कर रहें थें तो कह दिएं कि कानून में संशोधन मत किजिए बडा बदमाश आदमी है,अब ई अच्छे कैसे लगने लगें जी?”
ऐसे हुई आनंद मोहन की रिहाई
बता दें कि बिहार की रिमिशन (परिहार) की पॉलिसी-1984 में 2002 में दो बड़े बदलाव किए गए थे। बदलाव के तहत 5 कैटेगरी के कैदी को नहीं छोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया था। ये ऐसे कैदी होते हैं, जो एक से अधिक मर्डर, डकैती, बलात्कार, आतंकवादी साजिश रचने और सरकारी अधिकारी की हत्या के दोषी होंगे। उनके छोड़ने का निर्णय सरकार लेगी। आनंद मोहन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या की सजा काट रहे थे। वे इस मामले में 14 साल की सजा काट चुके थे, लेकिन सरकार के इस प्रावधान की वजह से उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। ऐसे में इसी साल सीएम नीतीश कुमार ने नए संशोधन इस कैटेगरी को ही समाप्त कर दिया गया। जिससे आनंद मोहन की रिहाई हो पाई।