अग्निपथ योजना ने पूरे देश में बवाल खड़ा कर दिया है। केंद्र सरकार इसको लेकर सफाई दे रही है। रक्षा मंत्री बैठक कर रहे हैं। तो दूसरी ओर बिहार से शुरू हुई आग पूरे देश में फैल गई है। वैसे मुद्दा इतना बड़ा है तो राजनीति का स्तर भी बड़ा होगा। फिलहाल अग्निपथ योजना ने बिहार के राजनेताओं का बैटल ग्राउंड ही बदल दिया है। जिन्हें पटना में बोलना था, वे दिल्ली निकल गए। तो ‘राष्ट्रीय’ स्तर के नेता राज्यस्तर पर फंस गए।
‘बिहार में विपक्ष का काम कर रही BJP’
बिहार में सीएम नीतीश कुमार की सरकार है। सहयोगी भाजपा है। मुख्य विपक्षी RJD है। लेकिन यह तस्वीर सिर्फ बिहार विधानसभा में है। बिहार की सड़कों और मीडिया की सुर्खियों में अभी बिहार के सरकार के लिए मुख्य विपक्ष भाजपा ही बन गई है। भाजपा के नेता सीधे तौर पर सरकार की मंशा पर हमले कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तो प्रशासन पर सीधा सवाल उठा ही चुके हैं। इसका जवाब दिया है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने।
BJP-JDU को लड़ता देख दिल्ली निकले तेजस्वी
बिहार में अग्निपथ योजना पर भाजपा और जदयू की खींचतान के बीच पटना में विपक्ष के पास स्पेस कम हो गया है। दोनों सत्ताधारी दल आपस में लड़ रहे हैं तो विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दिल्ली का रुख कर लिया है। दिल्ली में तेजस्वी ने प्रेस कांफ्रेंस कर सवालों की लंबी सूची मोदी सरकार को थमा दी है। इनमें तेजस्वी ने पूछा है कि जवानलों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम पर टैक्स कितना लगेगा, ये बताए सरकार। इसके अलावा तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्रेच्युटी बचाने के लिए सेवा की अवधि चार साल की गई है।
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