शराबबंदी और उसके बाद जहरीली शराब से होने वाली मौत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए गले की फांस बन गई है। समय-समय पर वो इसे लेकर घिरे हुए नजर आते हैं। पिछले साल सारण में हुए जहरीली शराबकांड के बाद जमकर सियासी हंगामा हुआ था। वही अब मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौत से सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष की तरफ से लगातार ही बिहार सरकार पर सवाल उठाया जा रहा है। लेकिन अब ये सवाल महागठबंधन में शामिल घटक दल के नेताओं द्वारा भी दोहराए जा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक नसीहत भी दे डाली है।
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बड़े अधिकारियों पर हो कार्रवाई
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में जहरीली शराब से 34 लोगों की मौत हो गई है। ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। इस घटना को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बावजूद भी शराब मिल रही है, और लोग जहरीली शराब से मर भी रहे हैं जो काफी दुखद है। इसके लिए साफ तौर पर पुलिस के वरीय पदाधिकारी दोषी हैं और उनकी मेलजोल से ही शराब धंधा चल रहा है। इसके लिए छोटे अधिकारी नहीं बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
वही मुख्यमंत्री के द्वारा पूर्व में आदेश दिया गया था कि जिस थाना क्षेत्र में शराब मिलेगी वहां के थानेदार हटाए जाएंगे। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इसके लिए साफ तौर पर डीजीपी जिम्मेवार हैं और मुख्यमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए और जहरीली शराब से मौत पर बड़े पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे शराब के काले धंधे को रोका जा सके।