केंद्र सरकार ने सेना भर्ती में नया फार्मूला ‘अग्निपथ’ लागू किया। घोषणा होते ही बवाल मच गया। बवाल भी ऐसा कि दर्जनों ट्रेनें चार दिन से रोज कैंसिल हो रही हैं। दर्जनों ट्रेन की बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया। हाईवे जाम रहे। सड़कों पर निकलने वाले लोग फजीहत झेल रहे हैं। पांच किलोमीटर का सफर 25 किलोमीटर में बदल गया। लेकिन इस युवाओं के उबाल वाले इस भूकंप का केंद्र बने बिहार में सबने इसे पूरी तरह राजनीति में झोंक दिया। हालांकि इस नई घोषणा को ट्वीट करने वाले PM भी बवालों पर खामोश हैं। वहीं बिहार में बवाल को रोक पाने में अक्षम प्रशासन के मुखिया CM नीतीश कुमार भी चुप हैं।
BJP प्रदेश अध्यक्ष बरसे
हंगामे के दौरान बिहार के दो दर्जन जिले प्रभावित हुए। आंशिक असर तो पूरे बिहार में पड़ा। राज्य की सरकार ने भी माना कि 12 जिलों में स्थिति अधिक खराब है। लिहाजा इन जिलों में 72 घंटे का इंटरनेट डाउन लगा दिया गया। लेकिन इस बीच BJP के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल अपनी ही सरकार पर बरस पड़े। जायसवाल ने आरोप लगाया कि यह विरोध और आगजनी प्रशासन प्रायोजित है। मधेपुरा में भाजपा दफ्तर जलने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर बरसे प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस पर क्या कार्रवाई हुई है सरकार बताए। डॉ. जायसवाल ने तो यहां तक स्पष्ट कर दिया कि अगर ये घटनाएं नहीं रुकीं तो किसी के लिए अच्छा नहीं होगा।
जवाब में उतरे JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आरोप की धार सीधे बिहार के CM नीतीश कुमार पर पड़ी तो बौखलाई JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जवाब देने आ गए। ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्णय के बाद से बिहार ही नहीं पूरे देश में हंगामा शुरू हुआ। वैसे तो किसी भी समस्या का समाधान हिंसा से नहीं हो सकता। लेकिन ये प्रक्रिया स्वाभाविक है। इसका जवाब भाजपा को देना है। ललन सिंह ने कहा कि प्रशासन को भाजपा-जदयू किसी से मतलब नहीं है। ललन सिंह यही नहीं रुके। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को आक्रोश के बाद संतुलित रहने की सीख दी। नीतीश कुमार प्रशासन के लिए सक्षम व्यक्ति हैं। इसलिए संजय जायसवाल न सिखाएं। प्रशासन काम कर रहा है।