बिहार में जाति आधारित गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। दरअसल, जाति आधारित गणना को रोकने को लेकर की गई सभी याचिकाओं को पटना हाईकोर्ट खारिज कर चुकी है। हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना करने को हरी झंडी दे दी है। इसी फैसले के खिलाफ अब याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जाति आधारित गणना का मामला, बिहार सरकार ने दाखिल की कैविएट अर्जी
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
बता दें कि याचिकाकर्ता के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से पहले बुधवार को ही बिहार सरकर ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की थी। अर्जी में बिहार सरकार का कहना है कि बिना सरकार क पक्ष सुने सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश जारी ना करे। वही आज याचिकाकर्ता ने भी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। ऐसा बताया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट का आदेश
बता दें कि पटना हाईकोर्ट में जाति आधारित गणान के खिलाफ याचिका दाखिल होने के बाद हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी थी। 3 से 7 जुलाई तक कोर्ट में सुनवाई हुई। 7 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला 1 अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया। 1 अगस्त को हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी के खंडपीठ जातिगत जनगणना करने का आदेश दिया ।