पटना निगरानी के विशेष जज मोहम्मद रुस्तम की अदालत ने शनिवार को घूस लेने के मामले में हल्का-2 बक्सर के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी नारायण चौधरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाते हुए एक वर्ष का कठोर कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक निगरानी ट्रैप के प्रभारी किशोर कुमार सिंह ने बताया कि निगरानी की टीम ने नारायण चौधरी को 27 जून 2008 को 3200 रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद निगरानी थाना कांड संख्या 38/2008 दर्ज किया गया।
इस मामले के परिवादी बृजकिशोर प्रसाद ने 25 जून 2008 को निगरानी में एक आवेदन देकर यह आरोप लगाया था कि उनके जमीन का दाखिल-खारिज करने के नाम पर राजस्व कर्मचारी नारायण चौधरी 4000 रुपये घूस मांग रहा है। बाद में अनुरोध करने पर नारायण चौधरी 3200 रुपये लेने के लिए तैयार हो गया।
निगरानी की टीम ने नारायण चौधरी को उसके किराये के मकान से पैसे लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक किशोर कुमार सिंह ने अभियोजन की ओर से अदालत में कुल 11 गवाहों से गवाही करवाई।
विशेष कोर्ट ने नारायण चौधरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(1)(डी) में दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा दी है।