PM मोदी और तेजस्वी यादव के बीच राजनीतिक दूरी पर्याप्त है। पर इस दूरी का दोनों के निजी संबंधों पर असर नहीं होता। तेजस्वी यादव को PM मोदी की कही बातों का ख्याल भी है। उनकी कही बातों पर विशेष ध्यान भी तेजस्वी दे रहे हैं। PM मोदी की दी सलाह को तेजस्वी फॉलो भी कर रहे हैं। तेजस्वी केवल राजनैतिक रूप से ही PM मोदी के विरोधी हैं पर उनका विरोध व्यक्तिगत नहीं है।
BJP का विरोध बरकरार
तेजस्वी यादव अपने बयानों में BJP के छक्के छुड़ाने का प्रयास करते हैं। इस मामले में वे अपने पिता लालू यादव के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर ही अग्रसर हैं। लालू यादव हमेशा से ही विचारधारा को लेकर BJP के घोर विरोधी रहें हैं। BJP जब सत्ता में नहीं थी तब भी लालू उसके उतने ही विरोधी थे। लाल कृष्ण आडवाणी का रथ लालू यादव ने बिहार में ही रोक दिया था। लालू की तरह ही उनका पूरा परिवार BJP का घोर विरोधी है। चारा मामले में लालू को जेल होने के भी पीछे पूरा परिवार BJP को ही दोषी ठहराता है। तेजस्वी का तो यहां तक मानना है की उनके पिता ने BJP से हाथ नहीं मिलाने के कारण ही BJP ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा है। जिसकी पुष्टि उनके ट्विटर हैंडल के pinned किए गए ट्वीट से होती है। लेकिन नरेंद्र मोदी की एक बात पर तेजस्वी इतना प्रभावित हो गए कि उसे लागू करने का प्रयास शुरू कर दिया।
तेजस्वी ने मानी मोदी की बात
दरअसल 12 जुलाई को PM मोदी बिहार विधान सभा के शताब्दी समापन समाहरोह में शामिल होने पटना आए थे। इस कार्यक्रम में एक ही मंच पर तेजस्वी यादव और PM मोदी नजर आए। उसी वक्त PM मोदी ने तेजस्वी को वजन कम करने की सलाह दी थी। PM मोदी ने तेजस्वी से कहा था कि ‘थोड़ा वजन काम करो। मैं खुद को स्वस्थ रखने के लिए योगा करता हूं। सबको योगा करना चाहिए।’ PM मोदी की सलाह पर तेजस्वी ने कोई जवाब नहीं दिया। बस हल्का सा मुस्कुरा दिया। उसके बाद पूरे कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी नर्वस नजर आए। यहां तक कि वो अपने भाषण के दौरान भी कई बार अटके। पर कुछ ही दिनों के बाद तेजस्वी ने क्रिकेट खेलते हुए अपनी एक विडियो को शेयर किया है। आपको बता दें की राजनीति में आने से पहले तेजस्वी क्रिकेटर ही थे। इस विडियो के बाद से ये अनुमान लगाया जा रहा है कि PM मोदी द्वारा वजन घटने की सलाह को तेजस्वी ने मान लिया है। तेजस्वी पीएम मोदी की बात के बाद पहली बार अपने पुराने रूप में दिखे हैं।