बिहार में सरकार चला रहे NDA में दो प्रमुख सहयोगी दल BJP और JDU के बीच के रिश्ते लगातार खराब हो रहे थे। दोनों तरफ से बयानों के तीर हर दिन सरकार के फूल को कुम्हला रहे थे। लेकिन अब सुलह की कोशिशें शुरू हो गई हैं। जिनके बयानों पर सबसे अधिक बवाल हुआ, सुलह की पहल वहीं से हुई है।
‘समन्वय समिति की जरूरत’
जदयू की ओर से भाजपा पर हमला करने वालों में उपेंद्र कुशवाहा का नाम पहली पंक्ति में है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को अब एनडीए में समन्वय समिति की जरुरत महसूस हो रही है। उनका कहना है कि एनडीए में समन्वय समिति का शीघ्र गठन होना चाहिए। हर संगठन और गठबंधन में यह समिति रहती है।
BJP-JDU के बीच की गर्माहट शांत रखने की कोशिश!
सरकार में होने के बाद भी भाजपा और जदयू के रिश्ते पिछले कुछ महीनों से नरम नहीं है। अलग अलग मुद्दों पर टकराहट खुलकर सामने आई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जब भाजपा दफ्तरों के हमलों में प्रशासन की ढिलाई का आरोप लगाया तो जदयू की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा संभाल लिया। वैसे अब उपेंद्र कुशवाहा के सुर बदल रहे हैं और समन्वय समिति की उनकी मांग को सुलह की ओर बढ़ाया गया कदम माना जा रहा है।