बक्सर के नया भोजपुर ओपी थाना क्षेत्र के चंदा गांव में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अवैध हथियार निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह एक संगठित गिरोह था जो लंबे समय से अवैध हथियारों का निर्माण कर रहा था और इन्हें आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा था।
सेवानिवृत्त शिक्षक के घर से चलाया जा रहा था कारखाना:
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस को मौके से बड़ी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण, कच्चा माल और अर्धनिर्मित हथियार बरामद हुए।
मुंगेर से आए थे कारीगर:
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि इस अवैध हथियार निर्माण कारखाने को चलाने के लिए मुंगेर जिले से कुछ कुशल कारीगरों को बुलाया गया था। ये कारीगर हथियार बनाने के काम में माहिर थे और इन्होंने ही इस कारखाने को स्थापित किया था।
एसपी ने दी जानकारी:
बक्सर के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। एसपी ने यह भी बताया कि इस मामले में कुछ सफेदपोशों का भी हाथ हो सकता है और पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है।
बरामद सामान:
पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 36 पीस पिस्टल टाइगर प्लेट
- 35 पीस कॉर्क रड
- 33 पीस बैरल
- 20 पीस बट
- 3 ड्रील मशीन
- 1 लेथ मशीन
- 1 पीस ग्राइंडिंग मशीन
- तीन मोबाइल फोन
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इन लोगों से पूछताछ कर इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। पुलिस इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने पर भी विचार कर रही है।
यह मामला बिहार में हथियारों की तस्करी और अवैध हथियार बनाने के कारोबार में एक बड़ा झटका है। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बहाल करने में मदद मिलेगी। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये हथियार कहां बेचे जाते थे और इनका इस्तेमाल किस तरह की आपराधिक गतिविधियों में किया जाता था।