अग्निपथ योजना पर सड़कों का विरोध जैसे ही थमा राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। बुधवार, 22 जून 2022 को बिहार में इस विरोध वाली मुहिम की कमान संभाली तेजस्वी यादव ने। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीधे राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मिलकर उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर ज्ञापन दिया। वापस लौटे तो अपने 20 सवालों का जवाब मांगते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी सरकार नौकरी देने नहीं छीनने आई है।
‘देश की सुरक्षा खतरे में’
राज्यपाल से मिलने के लिए तेजस्वी यादव ने अपने समर्थक विधायकों और नेताओं के साथ विधानसभा से राजभवन तक मार्च किया। इसके बाद तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश की सुरक्षा खतरे में आ गई है। उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा वो कैसे करेंगे, जिनकी नौकरी चार साल बाद छिन जाएगी। उन्हें चिंता रहेगी अपनी नौकरी जाने की। इस योजना से देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
‘सिर्फ ग्रेच्युटी के लिए युवाओं के भविष्य से खिलवाड़’
तेजस्वी ने आगे आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सिर्फ ग्रेच्युटी बचाने के लिए अग्निपथ योजना लाई है। BJP को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वो अग्निवीरों के साथ देश का भविष्य खतरे में डाल रही है। भाजपा नेता उन्हें अपने कार्यालयों का गार्ड बनाने को कहते हैं, यह शर्मनाक है। देश की संपत्तियों को बेचा जा रहा है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं।
नहीं खत्म होगा विरोध
एक ओर रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अग्निपथ योजना पर रोलबैक नहीं होगा। यह योजना जारी रहेगी। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। दूसरी ओर तेजस्वी ने ऐलान किया कि देश के युवा शांत हो गए हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि विरोध नहीं है। विरोध जारी रहेगा। खत्म विरोध नहीं, कानून होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा कर ही विरोध करना जरूरी नहीं है। देश में हिंसा होती है तो भाजपा को विरोध लगता है जबकि हकीकत यह है कि भाजपा खुद हिंसा भड़काना चाहती है।