बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है। यह सत्र अमूमन छोटा ही होता है। इस बार भी पांच कार्यदिवस ही हैं। 24 जून, शुक्रवार को पहला दिन पूरा होने के बाद दो दिन की छुट्टी है। उसके बाद 27 से 30 जून तक लगातार चार दिन सत्र चलेगा। सत्र की तैयारी में सरकार भी जुटी है और विपक्ष भी। विपक्ष उन मुद्दों को तलाश रहा है, जिन पर सरकार को घेर सके। जबकि सरकार अपनी तैयारी कर रही है, जिससे विपक्ष के आरोपों का सामना करते हुए सत्र के दूसरे कार्यों को पूरा किया जाए।
JDU विधायक दल की बैठक आज
शुक्रवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर जनता दल यूनाइटेड के विधायकों की बैठक गुरुवार को बुलाई गई है। यह बैठक महत्वपूर्ण हो सकती है। इसमें सदन में पार्टी की स्ट्रेटजी पर भी चर्चा संभव है। क्योंकि बीते कुछ दिनों में राज्य सरकार के सहयोगी दलों में सामंजस्य का अभाव दिखा है। भाजपा से कई मुद्दों पर जदयू ने अलग स्टैंड लिया है। लेकिन आपसी टकराव विधानमंडल सत्र के दौरान हावी न हो, इस पर भी चर्चा हो सकती है।
राजद के लिए नए मुद्दे तैयार
विधानमंडल सत्र के लिए कुछ दिन पहले तक राजद के पास कोई विशेष मुद्दा नहीं बचा था। जातीय जनगणना पर कई सत्रों में बहस होती रही थी। लेकिन सरकार ने इस पर फैसला सर्वसम्मति से ले लिया है। ऐसे में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोई नीति नहीं थी। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि नीतीश सरकार के लिए विपक्ष के अस्त्र समाप्त हो गए हैं। राजद को हमला करने के लिए नए मुद्दे मिल गए हैं और इस पर बैकग्राउंड वर्क भी राजद ने तैयार कर लिया है।
अग्निपथ पर विरोध
राजद ने अग्निपथ योजना का विरोध सड़क से लेकर राजभवन तक पहुंचा दिया है। अब विधानमंडल सत्र के दौरान भी इसकी गूंज अवश्य सुनाई देगी। इस बार नीतीश सरकार अपनी कमियों पर घिरे, न घिरे, केंद्र सरकार की इस योजना पर जरुर घिरेगी। हालांकि अग्निपथ योजना पर जदयू और राजद दोनों का स्टैंड लगभग एक समान है। लेकिन सदन में अगर दोनों एक साथ भाजपा पर हावी हुए तो स्थिति दिलचस्प हो सकती है।