कला संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जाना था। लेकिन विभाग ने आयोजन के 10 दिन पूर्व इसे स्थगित कर दिया है। नाट्य महोत्सव को स्थगित किये जाने पर राज्य के रंगकर्मियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि विभाग की उदासीनता से उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। अब रंगकर्मियों ने मुआवजे की मांग की है। रंगकर्मियों का कहना है कि कुछ दिन पहले विभाग ने 23 सितंबर को दिनकर जयंती पर नाट्य महोत्सव का प्रस्ताव जारी किया था।
दिनकर जयंती पर आयोजित होने वाले इस नाट्य महोत्सव के तहत देशभर की नाट्य संस्थाओं को दिनकर रचित रचनाओं पर नाटक प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके लिए अधिकतम तीन लाख रुपये दिये जाने की बात थी। नाट्य प्रस्तुति की तैयारी में लाखों रुपये खर्च किये और 9 सितंबर तक वीडियो क्लिप भी विभाग को सौंप दिया। लेकिन, 13 सितंबर को विभाग ने एक पत्र भेजकर सूचित किया कि इसे स्थगित कर दिया गया है। रंगकर्मियों का आरोप है कि विभाग ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन्हें कोई ग्रांट या सुविधा भी नहीं दी है। अगर मुआवजा नहीं मिला, तो आंदोलन शुरू होगा।