बिहार की सियासत में एक और बड़ा मोड़ आया है, जब जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पार्टी के कई प्रमुख कार्यकर्ताओं और प्रवक्ता द्वारा इस्तीफा देने का सामना करना पड़ा। यह घटनाक्रम उनके लिए एक और झटका साबित हुआ है, क्योंकि वह अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे।
प्रशांत किशोर ने पिछले कुछ समय से बिहार में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए जनसुराज पार्टी बनाई थी, लेकिन वह पहले ही एक चुनावी हार का सामना कर चुके हैं। 2024 के उपचुनाव में प्रशांत किशोर ने सभी चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए लेकिन सफलता नहीं मिली। अब जब वह अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहे थे, पार्टी के करीब 200 कार्यकर्ताओं और प्रवक्ता ने उनका साथ छोड़ दिया।
इन इस्तीफों के बाद कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से विरोध किया और प्रशांत किशोर का पुतला जलाया, जिससे पार्टी के भीतर गहरे असंतोष का संकेत मिलता है। यह घटनाक्रम प्रशांत किशोर के लिए राजनीतिक रूप से एक और बड़ा झटका है, क्योंकि उनका सारा ध्यान 2025 के चुनाव पर था।