सीएम नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर की मुलाकात की बात जैसे ही सामने आई, अलग राजनीतिक समीकरणों की कयासबाजी लगने लगी। लेकिन अब इस मुलाकात का विवाद समाप्त हो गया है क्योंकि नीतीश कुमार के साथ प्रशांत किशोर ने भी इस मामले में अपनी बात कह दी है। प्रशांत बुधवार को चंपारण के दौरे पर थे। वहीं उन्होंने अपनी और नीतीश कुमार के मुलाकात पर बयान दिया।
‘सीएम के नाते मिले’
प्रशांत किशोर ने बताया कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। हर कोई उनसे मिलता है। मेरी भी मुलाकात हुई है। इसमें मैंने कोई गलत काम तो नहीं किया है। प्रशांत किशोर ने इस मुलाकात के किसी राजनीतिक मायने से इनकार किया है। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पहले से भी कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार से उनकी कोई निजी परेशानी नहीं है। निजी संबंधन उनसे सदैव रहा है।
राम जानकी मंदिर में आशीर्वाद लिया
भितिहरवा गांधी आश्रम पहुंचे तो रामजानकी मंदिर में आशीर्वाद लिया। उसके बाद उस मठ के रामनारायण दास बाबा को नमन किया, जिन्होंने गांधी जी को जमीन दी थी। यहां प्रशांत ने पूछा कि गांधी जी ने इसी जमीन को क्यों पसंद किया। तब राजकुमार शुक्ला के परिजन अरुण शुक्ला ने पीके को बताया कि यह जमीन करमुक्त थी, इसलिए गांधी जी ने इसे लिया।
कस्तूरबा कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय का भ्रमण किया
इसके बाद प्रशांत किशोर ने भितिहरवा आश्रम जीवन कौशल ट्रस्ट, केआर स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों के संगठन KROBA और ग्रामीणों के सहयोग से चल रहे कस्तूरबा कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी भ्रमण किया। उन्होंने वहां की परिस्थितियों के बारे में जायजा लिया। यहां ट्रस्ट द्वारा विद्यालय की छात्राओं को चरखा प्रशिक्षण की सुविधा भी दी गई है। प्रशांत किशोर ने इस दौरान वहां मौजूद लोगों से दो अक्टूबर की पदयात्रा के लिए आह्वान भी किया।