छपरा. सारण में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो रही है और इसी बीच छपरा शहर के कई इलाकों में पानी घुस गया है। छपरा शहर की बदइंतजामी पर सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि सारण जिले की मुश्किल यह है कि यहां के लोग आज भी मूलभूत समस्याओं में ही उलझे हुए हैं। जलजमाव, बाढ़ जैसी स्थिति हर साल की भांति इस साल भी परेशान कर रही है और डबल इंजन की सरकारों का दावा उसी जलजमाव में बह रहा है। हमारे स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी लगातार दावा करते हैं कि वे छपरा शहर में जलजमाव आदि समस्याओं को लेकर बैठकें करते हैं। लेकिन इतनी बैठकों के बाद भी अगर छपरा शहर की सड़कों पर नाव चलाने की नौबत आ जाए तो उनकी बैठकों के अस्तित्व पर तो पानी फिरा ही माना जाए।
श्री सिंह ने कहा कि नमामि गंगे से लेकर नगर निगम की तमाम योजनाओं में जलनिकासी और बेहतर नागरिक सुविधा के दावे होते रहे हैं। लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि यहां लगातार हालात बदतर ही हो रहे हैं। छपरा शहर तो जैसे गंदगी और दूसरे खराब पैमानों में रिकॉर्ड तोड़ता रहा है। यहां के सांसद राजीव प्रताप रूडी जी लगातार अपनी कुर्सी बचाने में सफल हो रहे हैं लेकिन शहर की जनता को मुसीबतों से बचाने में पिछड़ जाते हैं।
सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के एक टर्म का मतलब यह होता है कि उस क्षेत्र की कम से कम आधारभूत संरचना में कुछ बदलाव हो, बेहतरी हो। लेकिन हमारे सांसद राजीव प्रताप रूडी जी की हैट्रिक जीत के बाद भी छपरा शहर की स्थिति नारकीय बनी हुई है। नमामि गंगे योजना का ढोल पीटने वाली डबल इंजन की सरकार के नुमाइंदे शहर के रिहाइशी इलाके तक गंगा की धारा नालियों में मिलते देख रहे हैं और जनता से मुंह छिपा रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि सारण विकास मंच सारण की जनता के लिए हर मुद्दे पर खड़ा है। बाढ़ एक आपदा है लेकिन 21वीं सदी के ढाई दशक बाद भी कुप्रबंधन के कारण बाढ़ आए, तो इसका प्रतिरोध सारण विकास मंच करता रहेगा। सांसद, विधायक समेत सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह है कि नाकामियों के कारण जो आपदा आई है, उसमें जनता के राहत के लिए राजनीति को किनारे लगाएं।