बिहार में नई सरकार बनने के साथ ही विवादों ने राजद को जकड़ लिया है। हर दिन कोई मंत्री नए विवाद में फंस जा रहा है। लेकिन राजद इसको लेकर निराश नहीं है। तेजस्वी यादव ने इसके डैमेज कंट्रोल की शुरुआत कर दी है। डिप्टी सीएम ने राजद के सभी मंत्रियों के लिए ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ जारी किया है। वैसे तो यह कोड ऑफ कंडक्ट आधिकारिक नहीं निवेदन के फॉर्मेट में है। लेकिन बिहार की राजनीति को समझने वाले बखूबी जानते हैं कि तेजस्वी का निवेदन भी निर्देश है और उसका पालन करना ही राजद नेताओं का अनुशासन है।
मंत्रियों के लिए तेजस्वी का कोड ऑफ कंडक्ट
- सरकार में राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से बने मंत्री विभाग में अपने लिए कोई नई गाड़ी नहीं खरीदेंगे।
- राष्ट्रीय जनता दल के मंत्री उम्र में उनसे बड़े कार्यकर्ता, शुभचिंतक, समर्थक या किसी भी अन्य व्यक्ति को पांव नहीं छूने देंगे। शिष्टाचार और अभिवादन के लिए हाथ जोड़कर प्रणाम, नमस्ते व आदाब की परंपरा को ही बढ़ावा देंगे।
- सभी मंत्रियों से आग्रह है कि उनका सभी के साथ सौम्य और शालीन व्यवहार हो तथा बातचीत सकारात्मक रहे। सादगी से पेश आते हुए सभी जाति/धर्म के गरीब एवं जरुरतमंद लोगों को अविलंब प्राथमिकता के आधार पर मदद करेंगे।
- किसी से भेंट स्वरूप पुष्पगुच्छ/गुलदस्ता लेने-देने के स्थान पर किताब-कलम के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे और इस आशय का आग्रह लगातार करेंगे।
- सभी विभागीय कार्यों में माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ईमानदारी, पारदर्शिता, तत्परता और त्वरित क्रियान्वयन की कार्यशैली को बढ़ावा देंगे।
- सभी मंत्री मुख्यमंत्री एवं अपने अधीनस्थ विभागों, कार्य योजनाओं और विकास कार्यों का सोशल मीडिया पर लगातार प्रचार-प्रसार करेंगे ताकि जनता को आपके हरेक पहलकदमी की सकारात्मक जानकारी प्राप्त हो सके।
तेजस्वी के ज्ञान का नहीं पड़ा असर!
हालांकि एक ओर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने मंत्रियों को सौम्य और शालीन व्यवहार की नसीहत दे रहे थे। उसी दौरान उनके मंत्री सुरेंद्र यादव प्रेस कांफ्रेंस में अपने ही सहयोगी को अपशब्द कहते पाए गए। भाजपा ने इस पर राजद को कटघरे में खड़ा किया है। प्रवक्ता निखिल आनंद ने मंत्री सुरेंद्र यादव को भाषाई गरिमा बरकरार रखने की सलाह दी है।