“पुलिस के वेश में जो डाकू हैं उनके खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा? ऐसे सब डाकुओं को हटाइए।” यह है पटना पुलिस पर कोर्ट की टिप्पणी। हाई कोर्ट का यह कड़ा रुख नया नहीं है, लेकिन इससे पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल जरुर खड़े हो जाते हैं।
जमीन खरीद बिक्री में धांधली
पटना में राजीव नगर स्थित जमीन की खरीद-बिक्री विवादों में सालों से चली आ रही है। यह जमीन तो हाउसिंग बोर्ड की है लेकिन इसे बेचने वाले कोई और हैं। इस खुलेआम होती धांधली को ‘कानूनी संरक्षण’ भी मिला हुआ है। विवादों का साया ऐसा गहराया है कि कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। दरअसल, इसी मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने मंगलवार को जस्टिस संदीप कुमार की एकल पीठ के सामने बताया कि राजीवनगर स्थित नेपालीनगर की 400 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक केवल हाउसिंग बोर्ड का है। लेकिन इस दलील के बाद कोर्ट का रुख सरकार और पुलिस दोनों पर सवाल खड़ा कर गया।
अब चार अगस्त को सुनवाई
कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इन सबने पैसा लेकर अवैध खरीद बिक्री करने वालों का साथ दिया। आपलोगों ने सबकुछ छोड़ दिया अपने ईमानदार पुलिस और बोर्ड कर्मचारियों पर। ऐसे लोगों पर FIR दर्ज होनी चाहिए। अब मामले की सुनवाई 4 अगस्त को होगी।