RANCHI : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन चलने वाले अनुपूरक पोषण कार्यक्रम के तहत विगत 3 वर्षों में झारखंड को भारत सरकार के द्वारा 397 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। इस राशि के माध्यम से गर्भवती और शिशुओं को स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल, उन्हें पौष्टिक आहार, विशेष पूरक आहार प्रदान किया जा रहा है। उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में सांसद संजय सेठ के सवाल पर दी। सांसद संजय सेठ ने यह सवाल पूछा था कि सरकार ने गर्भवती और शिशुओं को स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए पौष्टिक और विशेष पूरक आहार प्रदान करने का क्या प्रावधान किया है? विगत 3 वर्षों में इस योजना के लिए झारखंड सहित अन्य राज्यों को कितनी राशि दी गई है? इसके अलावे झारखंड में इसके लाभार्थियों की संख्या क्या है?
व्यंजनों में मोटे अनाजों को किया शामिल
सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को घर ले जाने के लिए उनके स्वास्थ्य के अनुरूप भोजन पदार्थ उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त मोटे अनाजों की पोषण संबंधी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी सेवाओं के अनुपूरक पोषण कार्यक्रम के अंतर्गत व्यंजनों में मोटे अनाजों को शामिल करने की सलाह दी गई है। मिशन पोषण – 2 के दिशा निर्देशों के अंतर्गत सप्ताह में कम से कम एक बार अनुपूरक पोषण में मोटे अनाजों को अनिवार्य रूप से शामिल करने की सलाह भी दी गई है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में 1 दिन अनिवार्य
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि इसके लिए भारत सरकार पूरी तरह से गंभीर होकर कार्य कर रही है विगत 3 वर्षों में अनुपूरक पोषण कार्यक्रम के तहत झारखंड को जो राशि उपलब्ध कराई गई उसके अनुसार वर्ष 2021- 22 में 175 करोड़, 2022-23 में 164 करोड़ और 2023-24 में अब तक 55 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि ऐसी योजनाओं से लाभ लेने वालों की संख्या झारखंड में अच्छी खासी है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण कार्यक्रम के तहत 0 से 6 माह के 138401 बच्चे, 6 माह से 3 वर्ष के 1507659 बच्चे,3 से 6 वर्ष के 1515258 बच्चे, इसके अलावा 237945 गर्भवती महिलाएं और 149590 स्तनपान कराने वाली माताएं शामिल हैं। इस सवाल के जवाब के बाद सांसद संजय सेठ ने भारत सरकार के प्रति आभार जताया। साथ ही सांसद ने आंगनबाड़ी केंद्रों में मोटे अनाज को अनिवार्य किए जाने का स्वागत किया है। सांसद ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की पौष्टिकता, इसकी वैज्ञानिकता और इसकी कृषि, इन तीनों को लेकर ही गंभीर रहे हैं। यह सुखद बात है कि इसे आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्ताह में 1 दिन अनिवार्य किया गया है।