फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज न होने से लोग दिव्यांगता के शिकार हो सकते हैं। इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। इस क्रम में सारण जिले के सभी प्रखंडों में मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन (एमएमडीपी) क्लिनिक की शुरुआत की जा रही है। जहां पर फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट के वितरण के साथ उन्हें इसके इस्तेमाल की जानकारी भी दी जाएगी। इस क्रम में सोमवार को जिले के नगरा प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एमएमडीपी क्लिनिक के शुभारंभ के साथ मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।
फाइलेरिया से स्वयं को जागरूक करना होगा
इस अवसर पर एमओआईसी डॉ. महेंद्र मोहन ने मरीजों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें एमएमडीपी के इस्तेमाल और फायदों के संबंध में भी बताया। उन्होंने मरीजों को बताया कि एमएमडीपी किट के नियमित इस्तेमाल से मरीज हाथीपांव की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरूक होना होगा। तभी जाकर उन्हें हाथीपांव से राहत मिलेगी। जिसके बाद उन्होंने फाइलेरिया के हाथीपांव मरीजों के बीच किट का वितरण किया। साथ ही, की फायदों और कुछ व्यायाम की जानकारी दी। जिससे मरीज अपनी इस बीमारी की रोकथाम स्वयं कर सकें।
प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक
वीबीडीसी सुधीर कुमार ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों मुख्यतः पैर या फिर प्रभावित अंगों से पानी रिसता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसकी नियमित साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता और सूजन में भी कमी आती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने से अंग खराब होने लगते हैं। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए एमएमडीपी किट और आवश्यक दवा दी जा रही है। फाइलेरिया के लक्षण मिलने पर तत्काल जांच कराएं। कार्यक्रम में वीएल डीपीओ आदित्य कुमार सिंह, वीबीडीएस सुजीत कुमार, केयर बीसी सोनू सिंह, बीएचएम कनीज फातिमा, बीएएम अनिल कुमार, फर्माशिस्ट चितरंजन कुमार व अन्य कर्मी मौजूद रहे।