DHANBAD: कोल कैपिटल ऑफ इंडिया धनबाद में भूगर्भीय कोयले की निकासी के लिए बीसीसीएल पेड़ों की बलि चढ़ाने के लिए तैयार हैं। धनबाद के केंदुआ, पुटकी के गोपालीचौक स्थित ग्रीन पैच जंगल को उजाड़ने की जब लोगों को सूचना मिली तो वे पेड़ों के पास पहुंच गए। पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धनबाद में भी चिपको आंदोलन देखने को मिला। जहां महिलाएं, पुरुष और बच्चे पेड़ों को बचाने के लिए उससे चिपक गए।
जंगल से भरा है इलाका
धनबाद गोपालीचौक के 13 नंबर से 17 नंबर के बीच के एक किमी का जंगल से भरा हरा भरा क्षेत्र हैं। जिससे यहां के आसपास का इलाका स्वच्छ हैं। वही बीसीसीएल पीबी एरिया प्रबन्धक का कहना हैं कि वन विभाग से पेड़ काटने का आदेश ले लिया गया है। सभी प्रक्रिया पूरी की गई हैं। देश को कोयले की जरूरत है। इसलिए यहां पर नापी के बाद पेड़ की कटाई जरूरी हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत सिंह ने कहा कि धनबाद में प्रदूषण चरम पर है। ऐसे में पेड़ो की कटाई उचित नही है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि बीसीसीएल प्रबन्धन यहां आउटसोर्सिंग से कोयला निकालने का काम करेगा। हमलोग इस पेड़ पर चिपककर रहेंगे। बीसीसीएल पेड़ के साथ साथ हमलोगों को भी काट दे। मर जायेंगे लेकिन पेड़ काटने नही देंगे ।
गाइडलाइन के तहत आदेश
वहीं DFO विकाश पालीवाल ने कहा कि बीसीसीएल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश एवं NGT के गाइडलाइन पर 2034 वृक्षों को काटने का आदेश निर्गत किया गया है। इसके अलावे जो वृक्ष 7 फ़ीट तक के हैं उन्हें दूसरे स्थान पर ट्रांसप्लांट करना है। वन विभाग के वन रक्षी वहां तैनात रहेंगे। एक भी पेड़ ज्यादा कटा तो वन विभाग कार्रवाई करेगा। वहीं पूर्व में बीसीसीएल द्वारा 60 हजार वृक्षों की कटाई के सम्बंध में दायर पीआईएल के सम्बंध में उन्होंने कहा कि वह मामला कोर्ट में है।
प्रदूषण में दिल्ली धनबाद से पिछड़ा
धनबाद ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को पछाड़ दिया था। उस समय प्रदूषण स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स 554 पार था। पीएम-2.5 का स्तर 544.2 ओर पीएम-10 का स्तर 554.9 था जो राष्टीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर से पांच गुना अधिक था।