मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बांका दौरे पर है। इस दौरान मुख्यमंत्री महज अपने एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले सदर अस्पताल पहुंचकर करीब 14 करोड़ की लागत से नवनिर्मित मॉडल हॉस्पिटल भवन का उद्घाटन किया। साथ ही उसका जायजा लेते हुए जीविका दीदियों द्वारा संचालित किया जाने वाले नवनिर्मित वातानुकूलित कैफेटेरिया का भी जायजा लिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का ध्यान अंग्रेजी पर लिखे बोर्ड पर पड़ा।
जिसको देखकर नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने तत्काल बोर्ड को हिंदी में करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने साफ कहा कि अंग्रेजो के शासन खत्म हुए दशकों बीत गए, पर लोगों की मानसिकता नहीं बदली। उन्होंने कहा कि हम लोग भी तो अंग्रेजी में ना पढ़ते थे, जवाब अंग्रेजी में देते थे, पढ़ाई अंग्रेजी में करते थे। वो सब छोड़िए न, हमको अंग्रेजी से कोई दिक्कत है। अब पार्लियामेंट चले गए तो क्या बोलते हैं, इसलिए ये सब छोड़िए। हमारी इच्छा है हम सब बराबर करें। जब हम केंद्र में थे तो हम सिर्फ हिंदी में लिखते थे समझ गए तो आप कहे लिख रहे हैं यह सब, चेंज कीजिए। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी के महत्व को आप लोग खत्म कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये गलत है। यहां अंग्रेज का शासन नहीं चल रहा है।
छह सौ भूमिहीनों को दिया गया वासगीत पर्चा
मुख्यमंत्री नीतीश आरएमके स्कूल परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के दौरान करीब छह सौ भूमिहीनों को वासगीत पर्चा वितरण किया। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा चलाये गए विशेष कार्यक्रम मिशन संकल्प के तहत अवैध कब्जे से 44 करोड़ मूल्य की करीब पांच सौ एकड़ से ज्यादा भूमि से संबंधित बुक का लोकार्पण किया गया। इस दौरान सूबे के भूमि राजस्व मंत्री आलोक मेहता,आपदा प्रबंधन सह जिला प्रभारी मंत्री शाहनवाज, लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज, क्षेत्रीय सांसद गिरधारी यादव, बेलहर विधायक मनोज यादव,धोरैया विधायक भूदेव चौधरी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। इस बाबत कार्यक्रम में मौजूद धोरैया विधायक भूदेव चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री अपने दौरे के दौरान जल कल्याण के तहत लाभुकों के बीच पर्चा वितरण के साथ ही बहुत कुछ देकर गए। उनके आने से जिले वासियों में नए उत्साह का संचार होता है।
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