धनबाद में इन दिनों साइबर ठगों के निशाने पर फूल कारोबारी हैं। साइबर ठग कई तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे है। ताजा मामला धनबाद का स्टेशन रोड स्थित फुल दुकानदार की है।
पहला मामला
फूल दुकानदार सुधीर कुमार मालाकार ने मीडिया को बताया कि CISF अधिकारी बनकर अननोन नंबर से मुझे कॉल किया और 4 गुलाब वरमाला तथा 5 बास्केट गुलदस्ता बनाने का आर्डर दिया। सभी सामानों को डिलीवरी सीआईएसफ यूनिट कोयला नगर करने को कहा गया। एडवांस के तौर पर एंड्राइड मोबाइल में पेमेंट लेने को कहा। जब मैं बोला कि हमारे पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है। उन्होंने कहा कि आप सारे सामानों को बनाकर सीआईएसफ यूनिट कोयला नगर भेज दें। आपको पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
जब सभी समान कंप्लीट हो जाने के बाद सीआईएसएफ यूनिट कोयला नगर सामान देने पहुंचा तो टालमटोल कर वहां पर रखने की बात कही। कई घंटे बीत जाने के बाद वह बोले कि आप सामान रख कर चले जाएं। आपको पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके बाद सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने जब पूछा कि कौन अधिकारी ने आपको आर्डर दिया है तो फोन पर उन्हें बात कराया गया वह खुद को सीआईएसएफ अधिकारी बताते रहे। लेकिन जैसे ही अधिकारी ने पूछा कि आप कौन सा बैच के हो तो उन्होंने फोन कट कर दी।
इसके बाद लगातार उन्हें कॉल किया लेकिन उधर से कॉल को रिसीव नहीं किया। इसके बाद वहां पर मौजूद सीआईएसफ अधिकारी ने कहा कि आप अपना सामान लेकर चले जाएं तुम को जरूरत होगा तो वह खुद आपके पास आकर सामान ले जायेंगे। इसके बाद पुनः वापस मैं दुकान पर आकर बैठ गया कई बार उनसे बात करने की प्रयास किया उन्होंने एक ही बात कहा कि ऑनलाइन ट्रांसफर आपके एंड्राइड मोबाइल पर ही करेंगे तो मुझे एहसास हुआ कि या साइबर ठग है और मुझे लगभग ₹5 हज़ार का नुकसान पहुंचा दिया।
दूसरा मामला
स्टेशन रोड के हीं दुकानदार विकाश कुमार मालाकार ने मीडिया को बताया कि मुझे एक नए नंबर से कॉल आया। खुद को सीआरपीएफ 162 बटालियन बलियापुर बता कर 4 गुलाब की वरमाला तथा 3 गुलदस्ता बनाने के लिए आर्डर दिया। साथ ही कहा की आप समान बनाकर सीआरपीएफ 162 बटालियन बलियापुर डिलीवरी कर सकते हैं, तो मैंने कहा कि नहीं सर काफी दूर है तो उन्होंने कहा कि ठीक है आप सामान को रेडी रखिए हमारे बंदे पहुंच कर आप से सामान ले लेंगे। तब तक आपको कुछ एडवांस पेमेंट कर देता हूं।
वहीं उन्होंने कहा कि आप फोन पे या गूगल पे चलाते हो तो मैंने कहा जी हां सर। उन्होंने कहा कि आपकी व्हाट्सएप पर ₹1 का एक बार कोड भेजें और उन्हें एक्सेप्ट कर ले और बाकी के रुपया पुनः वापस भेजता हूं। जब मैं व्हाट्सएप खोल कर देखा तो देख इंडियन आर्मी की बारकोड जिसमें ₹1 लिखे हुए थे। उन्हें डाउनलोड करने के बाद यूपीआई पिन मांगा, तो मैंने कहा यूपीआई की पिन सर मांग रहा है। उन्होंने कहा कि आप यूपीआई पिन डाल दो तो चला जायेगा पेमेंट।
मुझे लगा यह साइबर ठग है इसलिए मैं यूपीआई पिन नहीं डाला तो उधर से उन्होंने कहा कि आपका पेमेंट इसी तरह होगा आपको बारकोड एक्सेप्ट कर यूपीआई पिन डालना ही होगा तभी आपकी पेमेंट हो पाएंगे तो मैंने कहा कि छोड़ दीजिए सर तो इस तरह से हमारा लगभग ₹4 हज़ार रूपये का नुकसान हो गया।
झारखंड पुलिस डाल-डाल तो साइबर ठग पात-पात
अब सवाल यह उठता है कि क्या साइबर ठग वाकई हाईटेक हो गए हैं और झारखण्ड पुलिस टाय टाय फिश है झारखंड पुलिस डाल-डाल तो साइबर ठग पात-पात चल रहे है। साइबर ठग इन दिनों इंडियन आर्मी तथा मिलिट्री के फ़ोटो लगाकर लोगो को ठगने का काम कर रहे है। अब स्टेशन रोड की दुकानदार इन दिनों नए कस्टमर के मोबाइल से या ऑनलाइन आर्डर नही ले पा रहे है। क्योंकि उनको साइबर ठग से ठगी होने का शिकार सता रहा है।