Team Insider: बिहार(Bihar) में पिछले 2 दिनों में 72 हजार से अधिक लोगों ने कोरोना टीके की प्रिकॉशनरी डोज ली है। इसमें हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर (Frontline workers) तथा 60 साल से ऊपर गंभीर रुप से बीमार लोग सभी शामिल हैं। राज्य में कोरोना(Corona) के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं। यह अपने पीक की ओर है इस बीच सरकार ने तय किया है कि उन सभी लोगों को एहतियाती टीका लगाया जाएगा जिनका सेकेंड डोज पूरा हो चुका है। बिहार में ऐसे करीब 4.50 लाख लोग हैं जिनका सेकेंड डोज पूरा हुए 9 महीना हो चुका है। ऐसे लोगों को प्रिकॉशनरी डोज(Precautionary Dose) दी जा रही है।
किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं
कोविड-19 वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज की पात्रता के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है। जो लोग इसके पात्र हैं, वे सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या किसी टीकाकरण केंद्र पर जाकर टीका ले सकते हैं। लोगों की सुविधा के लिए केंद्रों पर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, नौ लाख से अधिक लाभार्थियों को वैक्सीन की “एहतियाती” खुराक दी गई। अभियान के पहले दिन 9,84,676 को उनकी तीसरी खुराक दी गई, जिनमें से 5,19,604 हेल्थ केयर वर्कर तथा 2,01,205 फ्रंटलाइन वर्कर और 2,63,867 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
16 जनवरी से शुरू हुआ है टीकाकरण
देश में पिछले साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी, 2021 से शुरू हुआ। पिछले साल 1 मार्च से, 60+ नागरिक और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग, जो किसी बीमारी से ग्रसित थे उन्हें टीका लगाया गया था। सरकार ने तब 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया और बाद में 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देकर अभियान का विस्तार किया।