JAMSHEDPUR : नशामुक्त भारत अभियान के तहत शनिवार को जमशेदपुर के लोयोला स्कूल ऑडिटोरियम में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डीसी, सिविल सर्जन सहित जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान शहर के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक व स्कूलों के प्रतिनिधि भी पहुंचे। दो सत्र में आयोजित इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था कि कोल्हान में बढ़ते ड्रग्स के प्रभाव कैसे खत्म किया जाए। डीसी विजया जाधव ने कहा कि जमशेदपुर व आसपास के जिलों में ड्रग्स एक बीमारी बनती जा रही है। इसमें न केवल पुलिस बल्कि समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक यह संदेश देना होगा कि ड्रग्स का मतलब मौत है। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर ड्रग्स के सप्लाई चेन को तोड़ना होगा।
स्कूली बच्चे आ रहे चपेट में
डीसी ने कहा कि ड्रग्स की चपेट में ज्यादातर स्कूली बच्चे आ रहे है। ड्रग पेडलर स्कूल के आसपास ही होते हैं जिन्हें पहचान करने की जरूरत है। उन्होंने छात्र- छात्राओं से ड्रग्स के दुष्परिणाम को लेकर विस्तार से चर्चा की और इससे दूर रहने की अपील की। डीसी ने पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों से स्कूल व आसपास के दुकानों पर सख्त नजर रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला हर 3 महीने में शहर के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित की जाएगी, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ड्रग्स के दुष्परिणाम का संदेश पहुंच सके। उन्होंने कहा कि तीनों जिलों के पुलिस-प्रशासन व आम लोगों को मिलकर एक कोऑर्डिनेशन टीम बनानी होगी। तभी ड्रग्स के सप्लाई चेन को तोड़ने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर एक इंडस्ट्रियल टाउन है और यहां के युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं जो निश्चित तौर पर आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है।