पूर्व सांसद आनंद मोहन के लिए शनिवार को छपरा में अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह फ्रेंड ऑफ आनंद की तरफ से आयोजित किया गया था। जिसमें शामिल होने आनंद मोहन अपने बेटे चेतन आनंद के साथ छपरा पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक मौजूद रहे। समर्थकों ने उनका स्वागत तलवार और स्मारिका भेंट करने के बाद फूलमाला पहना कर किया। समारोह में आनंद मोहन भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मै देश को बेचने वालो, भाई को भाई से लड़ाने वालो के खिलाफ निकला हूं।
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“देश सावरकर, गोडसे के सिद्धांतों पर नहीं गांधी के रास्ते आगे बढ़ेगा”
समारोह में आनंद मोहन ने कहा कि देश सावरकर और गोडसे के सिद्धांतों पर नही बल्कि गांधी और मजहरूल हक के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। देश मे बुद्धिजीवियों को अर्बन नक्सल करार देकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया जा रहा है । राष्ट्रवाद के नाम पर कमाऊ संस्थानों को दो गुजराती बेच रहे हैं और दो गुजराती खरीद रहे हैं। देश की आज़ादी के पहले एक माफीवीर कहता है कि देश मे हिन्दू और मुसलमान एक साथ नही रह सकते हैं और उसके बाद जिन्ना इंग्लैंड से लौटता है और वह भी दो राष्ट्र की वकालत करता है। आज फिर वही हो रहा है और देश में नफरत का बाजार गर्म किया जा रहा है। जो बुद्धिजीवी वर्तमान सरकार के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बोलता है उसे जेल भेजा जा रहा है लेकिन ओवैसी के लिए कोई जेल नही है।
“गांधी को अपशब्द और हमारे पुरखों को दी जा रही गालियां”
आज प्रभुनाथ सिंह और महराजगंज के पूर्व सांसद रामबहादुर सिंह की कमी महसूस हो रही है। रामबहादुर सिंह समाजवाद के सच्चे सिपाही थे अगर वह आज होते तो पाखंडियों और कर्मकांडियों को जड़ से उखाड़ देने का काम कर रहे होते। उन्होंने आगे कहा कि जब वह जेल से बाहर निकले तो कुछ लोगो के पेट मे दर्द होने लगा और उन्हें दलित का हत्यारा साबित करने की साज़िश रची गई, इतना ही नहीं खिलाफ सहरसा जैसे छोटे से जिला में सैकड़ो की तादात में मीडिया को लगा दिया ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके। गांधी को अपशब्द कहे जा रहे हैं और हमारे पुरखो को गाली दी जा रही है तो क्या हम चुपचाप उनकी गालियों को सुनते रहें। अब यह नही होगा।
“लोग लूटने की कोशिश कर रहे मेरी रिहाई का श्रेय”
जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को जेल से बाहर निकालने की अपील की। उन्होंने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को याद करते हुए कहा कि राज्य सरकार को बहुत शक्ति प्राप्त है वह प्रभुनाथ सिंह की बची हुई सजा को अच्छे आचरण के बुनियाद पर माफ करवा कर बाहर निकाले, ताकि इस लड़ाई में उनका साथ भी प्राप्त हो। आनंद मोहन ने कहा कि जो लोग उन पर आरोप लगा रहे हैं और उनकी रिहाई के श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें यह बताना चाहिए कि 16 वर्ष जेल में रहने के बाद जब वह निकले तो उनके पेट मे काहे दर्द हो रहा है। कभी केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार को बचाने में चार वोट और भैरो सिंह शेखावत को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए उनकी मदद लेने वाले अब तक क्यूं झाल पिट रहे है।