RANCHI: फुटबॉल खिलाड़ियों के नाम बेट लगाकर पैसे करे दोगुने। चाइनिज एप्प के जरिए साईबर फ्रॉड मामला इन दिनों न सिर्फ साईबर सेल के बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है, बल्कि इस एप्प के चक्कर में फंसकर करोड़ों रूपए लोग गवां चुके है, जिसे लेकर सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है। G V फुटबाल नाम का ये वेबसाइट कहीं आपके मोबाइल मे भी तो कहीं इंस्टाल नहीं। अगर है तो इसे तुरंत डिलीट कर दे।
अगर आप इसके ठगी के शिकार हो चुके है तो मामले की शिकायत जल्द दर्ज कराएं, क्योंकि इसी एप्प के जरिए करोड़ों की ठगी की बात सामने आई है। हालांकि ये ठगी न सिर्फ झारखंड के रांची ब्लकि राज्य के अन्य हिस्सों मे भी हुई है। लेकिन सीआईडी के वरीय अधिकारीयों का कहना है कि इसका दायरा काफी बड़ा है और इसके शिकार देश के करीब करीब हर हिस्से के लोग हो रहे है।
कैसे ठगी का शिकार बनते है लोग
इस मामले को लेकर सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बतया की मामले में FIR दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही सीआईडी की साईबर सेल जुटी हुई है। सीआईडी डीजी ने बताया कि GV FOOTBALL नाम का वेबसाइट बना हुआ है। इस वेबसाइट पर जाकर APK FILE डाउनलोड किया जाता है। वहीं डीजी ने बताया कि ये एक SPY वेयर सॉफ्टवेयर है, जो आपके मोबाइल के डेटा को हैक भी करते रहता है।
दरसल इस एप्प के जरिए लोगों को फुटबॉल प्लेयर पर बेट करने को लेकर प्रोत्साहित करते है, लेकिन बेट लगाने से पहले पैसे देने होते है। जिसे लेकर सोशल मीडिया के TELEGRAM एप्प मे ग्रुप मे UPI आईडी दिया जाता है, जिसके जरिए पैसे भेजने को कहा जाता है। शुरुआत में पैसे दोगुने और तीन गुने तक भी कर दिए जाते है। लेकिन जैसे ही ज्यादा पैसों के लालच में लोग बड़ा अमाउंट लगाते है तो उसके साथ ही ठगी का धंधा शुरू हो जाता है।
25 UPI आईडी मिली
ऐसे मामले के आधार पर FIR दर्ज की जा रही है। वहीं 25 के आसपास UPI आईडी भी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। जिन UPI आईडी का पैसा ट्रांसफर नहीं हो पाया था, उस रकम को फ्रिज कराया गया है। अबतक करीब ढाई लाख रूपए लोगों की ठगी होने से बचाया गया है। वही भारत सरकार की I4C पूरे सोफ्टवेयर को एनालाइज किया गया है। उससे ये जनकारी सामने आई है कि ये सोफ्टवेयर चाइनीज एप्प है, जिसके जरिए ये ठगी और हैकिंग का कार्य किया जा रहा है।
बता दें कि सीआईडी ने लोगों से अपील की है कि अगर आपके मोबाइल मे GV FOOTBALL नाम की एप्प है तो उसे तुरंत डिलीट कर दे। नहीं तो आप भी ठगी के शिकार हो सकते है। आपके महत्वपूर्ण डेटा भी चोरी हो सकती है ।