नेपाल और पड़ोसी राज्यों में लगातार बारिश होने के कारण बिहार की नदियां उफान पर है। बिहार में कम बारिश हो रही है। इसके बावजूद कई इलाकों में बाढ़ आ गया है। कई इलाके के घर डूब गए हैं। वहीं, पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ने पर दियारा इलाके के 76 स्कूलों को 21 सितंबर तक बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही बक्सर, भोजपुर, गया, भागलपुर के कई इलाकों में बाढ़ आ गए हैं।
हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में अब मानसून कमजोर पड़ने लगेगा है। आज किसी भी जिले में बारिश की संभावना नहीं है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में इजाफा होगा। इससे लोगों को उमस भरी गर्मी महसूस होगा।
पटना में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देवना नाला घाट पर वाटर लेवल 168.50 फुट पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 168 फुट है। हेतनपुर, कासीमचक, पुरानी पानापुर, मानस, नवदियरी समेत सात पंचायतों के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें पानी में डूब गई है। स्कूलों में भी पानी घुस गया है। सड़क पर 2 से 3 फिट तक पानी बह रहा है।
वहीं, बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक प्रशासनिक स्तर पर राहत-बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया है। डर से लोग रात के समय सो नहीं पा रहे हैं। मक्का, मंसूरी और हरी सब्जी सब बर्बाद हो गया। हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हमारे खाने का ठिकाना नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन कुछ नहीं कर रही है। इन सब कारणों से बाढ़ पीड़ितों में नाराजगी है।