श्रवण कुमार की कहानियां आज भी इतनी प्रसिध्द है कि आज भी एक मां श्रवण कुमार जैसा बेटा चाहती है। पर ये हर मां के लिए मुमकिन कहां होता है। लेकिन आज भी कई मां है जिन्हें श्रवण कुमार जैसा बेटा नसीब हुआ है। ऐसी ही एक मां भागलपुर में है, जिनका बेटा उन्हें भोले बाबा के दर्शन के लिए उन्हं बहंगी में बैठा कर बाबा धाम ले जा रहा है।
काफी समय से बीमार थी युवक की मां
सावन का महीना शुरु होते ही लोग भोले बाबा के रंगों में रंग जाते है। बदन पर भगवा कपड़े और मस्ती में नंगे पांव बोल-बम के जयकारे लगाते बाबा की नगरी की ओर चल पड़ते है। पर इस बार कुछ बहुत खास हुआ है, जहां एक मां को बेटे ने बहंगी में बिठाकर बाबा के दर्शन करवाने ले गया। सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर भक्त बाबा के दर्शन के लिए देवघर की ओर निकले। इन कावंडियों में बिहार के खागड़िया के रहने वाले दो युवक भी है, जो कलयुग में श्रवण कुमार की तरह अपने माता को बाबा के धाम ले जा रहा है। युवक की मां काफी समय से बीमार थी। दवा का असर नहीं हो रहा था। बाबा की कृपा सेै युवक की मां ठीक हुई, जिसके बाद युवक ने मां को लेकर देवघर जाने का प्रण लिया।
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युवक की मां पर नहीं हो रहा था दवा का असर
इतना ही नहीं इस काम में उनके परिजन संगीत साह, मंजू देवी, गुड़िया देवीभाई, बिनोद साह, दीपक साह भी उसका पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रंजीत की मां काफी बीमार थी दवा का असर नहीं हो रहा था उन्होंने बाबा भोलेनाथ को पुकारा और उनकी पुकार सुन ली गई। मां ठीक हो गई, ठीक होने के पश्चात उन्होंने प्रण लिया की मां को कावर पर लेकर पैदल बाबा धाम जाएंगे। जिसके बाद खगड़िया जिला के परवत्ता गांव निवासी अपनी मां को देवघर लेकर जाने के लिए पुत्र रंजित साह ने बहंगी तैयार की। जिसके बाद श्रवण कुमार की तरह उसमें माता को बिठाकर जलाभिषेक के लिए सुल्तानगंज से निकल पड़े। इस बहंगी को द्रोपती देवी के पुत्र व भतीजा उठाकर चल रहे हैं।