गुमला जिला के रायडीह प्रखंड में ठगी की एक अजीब घटना घटी है। एक परिवार ने अंधविश्वास में आकर घर का सारा पैसा गंवा दिये। घर में किसी का हड्डी गड़ा हुआ है, जिस कारण घर में भूत है। भूत की वजह से घर में लोग बीमार हो रहे हैं। यह कहकर कुछ ठग लोगों ने बड़ी ठगी की घटना को अंजाम दिया है। मामला रायडीह प्रखंड के कोंडरा पंचायत स्थित मोकरा बाज़ार टांड़ गांव की है।
मोकरा गांव निवासी सूरजा उरांव का परिवार ओझा गुनी व ठगों के झांसे में आकर तीन लाख रुपये, एक खस्सी और चार मुर्गा की ठगी का शिकार हो गया। हालांकि घटना 15 जून की है। अभी तक इस घटना की जानकारी थाना को नहीं दी गयी है। शनिवार को परिवार के लोगों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही है। परंतु शनिवार देर शाम तक पुलिस के पास मामला नहीं पहुंचा है।
मामला इस प्रकार है
पीड़ित परिवार से मिली जानकारी के अनुसार ओझा करने वाले एक ठग गिरोह 12 जून को मोकरा बाजार टांड़ पहुंचा था। जिसमें सात-आठ लोग थे। वे अपने को छत्तीसगढ़ राज्य के तीर्थयात्री व रामरेखाधाम जाने की जानकारी दिये। साथ ही रात्रि विश्राम मोकरा बाजार टांड़ के शेड में करने की बात कही। सूरजा उरांव का घर बाजार से सटा हुआ है। जान पहचान होने के बाद उससे बाल्टी और खाना बनाने का बर्तन मांग और भोजन बनाया। सूरजा उरांव की विवाहित बेटी हमेशा बीमार रहती है। इसकी जानकारी सूरजा ने ठगों को दी। तब ठगों ने कहा कि हम सब ठीक कर देंगे। आपके घर में भूत के रूप में हड्डी गाड़ा हुआ है। इसके बाद तंत्र-मंत्र कर भूत को भगाने का झांसा दिये।
पैसा को अपने थैला में छिपा लिये
15 जून की शाम को पूजा पाठ कर कमरों में कोड़ी से खुदाई कर वे हड्डी निकालने का ढोंग करने लगे। इस दौरान ओझागुनी करने वाले ठगों ने सूरजा व उसके परिवार के सदस्यों को घर से बाहर रखा। साथ ही घर का सारा पैसा निकालकर एक कपड़ा में बांधने को कहा। इसके बाद ठग ओझा लोग भूत भागने के बहाने घर के अंदर घुसे और पैसा को अपने थैला में छिपा लिये। बाद में कहा कि अभी इन कमरों में नहीं घुसना है। इसके बाद ओझा लोग रात होते ही गांव से निकल गये।
लक्ष्मण रेखा से पार नहीं करने की दी चेतावनी
सूरजा ने कहा ओझागुनी करने वालों ने मेरे पूरे परिवार को एक जगह खड़ा कर दिया। इसके बाद एक लकीर खींच दी और कहा कि यह लक्ष्मण रेखा है। इसे पार नहीं करना है। नहीं तो घर का भूत तुम सबको हानि पहुंचायेंगे। इसके बाद ठगों ने घर के अंदर तंत्र-मंत्र किये। कपड़ा में रखे पैसा को छिपा लिये। फिर उन लोगों ने रामरेखा धाम छोड़ने के लिए एक गाड़ी की व्यवस्था करने को कहा। सूरजा उरांव ने गाड़ी की व्यवस्था की। सूरजा ठगों को खुद छोड़ने रामरेखा धाम गया। जहां रामरेखा धाम के प्रवेश द्वार के समीप पूजा पाठ किया। इसके बाद सूरजा को कहा कि अब तुम वापस अपने घर चले जाओ। पीछे मुड़कर मत देखना।
ठगों ने कहा कि तीन दिन बाद हमलोग वापस मोकरा गांव आयेंगे। सबकुछ ठीक हो जायेगा। सूरजा ने बताया कि तीन दिन बीतने के बाद भी ठग वापस नहीं लौटे। पांचवें दिन में जब बक्शा खोला तो उसमें से पैसा गायब था. जबकि ठगों ने कहा था कि कपड़ा में बंधा हुआ पैसा बक्शा में रख दिया है। उसे पांच दिन तक नहीं खोलना। परंतु 21 जून को जब बक्शा खोला तो उसमें पैसा नहीं था। सूरजा ने कहा कि ठगों ने उसे कंगाल कर दिया। खोती बारी करने के लिए वह पैसा जमा करके रखा था।